धान खरीद में 21 किसानों का साढ़े 22 लाख बकाया
अतर्रा बांदा 02जून 20दो भज बेचने तक उसे इतनी परेशानी उठानी पड़ती हैकि वह मन मसोस कर र
संवाद सहयोगी, अतर्रा :
शासन के सख्त निर्देशों के बावजूद तहसील क्षेत्र के लगभग 21 किसानों का खरीद केंद्रों में धान बिक्री का समर्थन मूल्य अभी तक नहीं मिल सका है। किसान अपनी गाढ़ी कमाई की रकम पाने के लिए खरीद केंद्र व बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। बकाया करने वालों में ज्यादा कोआपरेटिव व पीसीएफ के केंद्र हैं।
सरकार का किसानों को 72 घंटे के अंदर धान व गेहूं का पैसा उनके खातों में भेजे जाने का निर्देश है। लेकिन इस आदेश की यहां अधिकारी धज्जियां उड़ा रहे हैं। किसान उत्पीड़न का पर्याय बनता जा रहा है। खाद, बीज व बुआई से लेकर उपज बेचने तक उसे इतनी परेशानी उठानी पड़ती है कि वह मन मसोस कर रह जाता है। अतर्रा तहसील क्षेत्र में धान बिक्री के लिए शासन के निर्देश पर लगभग एक दर्जन केंद्र खोले गए थे। जहां समर्थन मूल्य पाने के लिए किसानों ने केंद्रों में अपनी खून-पसीने से तैयार उपज बेची थी। बीते फरवरी माह में धान खरीद बंद हो गई थी। अभी भी चार केंद्रों में 1228.8 कुंतल उपज बेचे 21 किसानों का 22,55,582 का भुगतान नहीं हो सका है। उपज का मूल्य पाने के लिए किसान इधर-उधर भटक रहा है। खरीद केंद्र से एक बार खाता नंबर गलत होने की जानकारी दी गई तो किसानों ने बैंक पासबुक की छायाप्रति जमा कर खाता नंबर सही करा लिया है, पर अभी भी बिक्री की रकम नहीं मिली है। मजबूर किसान कभी खरीद केंद्र तो कभी बैंक के चक्कर लगाने को मजबूर है।
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-क्षेत्रीय सहकारी समिति बदौसा में 102 कुंतल धान बेचा था। अभी तक भुगतान नहीं हो सका है। केंद्र जाओ तो बैंक के लिए कहते हैं और बैंक जाने पर केंद्र जाने की बात कही जाती है।
-किसान माता प्रसाद
-क्रय-विक्रय सहकारी समिति अतर्रा में उत्पादन के बाद 75 कुंतल धान की बिक्री किया था। जल्द भुगतान न होने पर केंद्र से जानकारी मिली कि खाता नंबर गलत है। केंद्र में बैंक पासबुक की छायाप्रति देकर खाता सही कराया, लेकिन उसके बावजूद अभी तक भुगतान नही हुआ है।
-किसान राजेंद्र कुमार
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केंद्र नाम किसान धान बकाया मूल्य
पीसीएफ बिसंडा 4 112.40 2,06254
सीएमएस अतर्रा 4 268.40 4,92514
सहकारी समिति बदौसा 11 696.80 12,78628
क्रय-विक्रय 2 151.60 2,78186
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योग 21 1228.8 2255582
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नोट-मात्रा क्विंटल में व बकाया रुपये में
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सभी भुगतान पीसीएफ संस्था के बकाया हैं। पीसीएफ प्रबंधक से बात की गई है तो वहां से बताया गया है कि कुछ तकनीकी कमी हैं, उन्हें दूर किया जा रहा है।
समीर शुक्ला, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, अतर्रा
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फीडिग की गलती की वजह से भुगतान अटक गया है। सोमवार को सुधार के लिए अभिलेख लखनऊ भेजे गए हैं। एक सप्ताह में सभी किसानों का भुगतान मिल जाएगा।
पुष्पेंद्र कुशवाहा, क्षेत्रीय प्रबंधक, पीसीएफ, बांदा