1.73 अरब की योजना को अनुमति का इंतजार
जागरण संवाददाता, बांदा : पानी की बढ़ती खपत और बौने होते संसाधनों से उत्पन्न हो रही समस्या से
जागरण संवाददाता, बांदा : पानी की बढ़ती खपत और बौने होते संसाधनों से उत्पन्न हो रही समस्या से निपटने के लिए पौने दो अरब की लागत से एक ऐसी पेयजल परियोजना तैयार की गई थी जिसके द्वारा 40 किमी. दूर चिल्ला स्थित यमुना नदी से पानी की आपूर्ति की जानी है। 55 एमएलडी की क्षमता वाले इस प्रोजेक्ट का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। प्रस्तावित परियोजना शासन को भेजी जा चुकी है लेकिन 7-8 माह बीतने के बाद भी अभी तक हरी झंडी नहीं मिली। अब जबकि मुख्यमंत्री पेयजल की समीक्षा गुरुवार को चित्रकूट में करेंगे तो देखना है कि इस परियोजना को कितनी गति मिल सकेगी।
मौजूदा समय शहर में केन नदी, नलकूप व कूपों के द्वारा पेयजल आपूर्ति की जा रही है। लेकिन गर्मी के समय मांग बढ़ने पर खपत पूरी कर पाना एक बड़ी चुनौती साबित होती है। वर्तमान में शहर के लिए 30 एमएलडी (मिलियन लीटर पर डे) पानी की आवश्यकता है। लेकिन आंकड़ों को देखें तो प्रतिदिन लगभग 3 से 4 एमएलडी पानी कम मिल रहा है। मौजूदा खपत व अगले 30 वर्षों तक के लिए जल निगम द्वारा पेयजल परियोजना का खाका तैयार किया गया है। जिसकी लागत 1 अरब 73 करोड़ रुपये रखी गई है। इस परियोजना को 40 किमी. दूर चिल्ला स्थित यमुना नदी से ¨लक कर 55 एमएलडी पानी की आपूर्ति शहर व आसपास के इलाकों को किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। विभाग द्वारा पूरा प्लान तैयार कर शासन को भेजा जा चुका है। कई महीने बीत गए लेकिन अभी तक उच्च स्तर से इस परियोजना को मंजूरी नहीं मिल पायी। जिससे आगे का काम अटका हुआ है।
---------------------
- शहर को वर्ष 2050 तक पेयजल आपूर्ति के लिए नई पेयजल परियोजना का प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया था। मंजूरी मिलने का इंतजार है। -राजेंद्र प्रसाद, अधिशासी अभियंता जल निगम