सज गए पंडाल, आने लगे साधु-संत
संवाद सहयोगी, बबेरू : सिमौनीधाम में सात दिवसीय मेले के लिए पंडाल सज गये हैं। शुक्रवार से भंडारा भी श
संवाद सहयोगी, बबेरू : सिमौनीधाम में सात दिवसीय मेले के लिए पंडाल सज गये हैं। शुक्रवार से भंडारा भी शुरू हो जायेगा। यूं तो ज्यादातर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जो भी थोड़ा बहुत काम शेष बचा है उसे पूरा करने के लिए श्रमदानी पूरा करने में जुटे हैं। स्वामी अवधूत महराज मेला परिसर व भंडारे की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।
सिमौनी धाम में सात दिवसीय मेला व तीन दिवसीय भंडारे की शुरुआत 15 दिसम्बर से प्रारंभ होगी। मेला व भंडारे के साथ रंगमंच में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। साधु-संतों ने डेरा जमाना शुरू कर दिया है। वहीं रामलीला व नाटक के कलाकार भी पहुंच रहे हैं। मेला परिसर में प्रदर्शनी के अलावा बडी संख्या में दुकानें भी सज गयी हैं। बबेरू, तिन्दवारी, बांदा सहित अन्य शहरों के दुकानदार भी मेले में दुकाने लगाने को पहुंचे हैं। कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए मेले का आयोजन किया जा रहा है। बुधवार को स्वामी अवधूत महाराज ने मेला परिसर व भंडारे का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। साधु-संतों के रुकने के लिए मेला परिसर में ही मधुवन बनाया गया है। जहां संतों का पहुंचना शुरू है। भंडारे में 11 काउंटरों में प्रसाद वितरण होगा। इन काउंटरों के लिए प्रभारी नियुक्त कर उन्हें जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
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58 वर्षों से चल रहा है कीर्तन
बबेरू : सिमौनीधाम में करीब 58 सालों से कीर्तन चल रहा है। धीरे-धीरे कर इलाकाई गांव की सहभागिता शुरू हुई। वर्तमान में कई गांव के लोग श्रद्धा के साथ कीर्तन को पहुंच रहे हैं। 1967 से शुरू हुई कीर्तन की वर्षगांठ पर 15, 16 व 17 दिसम्बर को भंडारा आयोजित हो रहा है।
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हनुमान जी की कृपा से होता है आयोजन
बबेरू : भंडारे में लाखों लोग प्रसाद ग्रहण करते है। स्वामी अवधूत महाराज कहते हैं कि इतना बड़ा आयोजन हनुमत कृपा से चल रहा है। सभी जाति, संप्रदाय व राजनैतिक दलों के लोग बिना किसी भेदभाव के कार्यक्रम में अपना योगदान करते हैं। आश्रम में भंडारे का वृहद आयोजन किया जाता है। पहला भंडारा 1967 में सिमौनी में किया गया। दूसरा उज्जैन में हुआ। इस बार शुक्रवार से भंडारे की शुरुआत हो रही है।