बांदा के घर-घर टीबी खोज अभियान में मिले 135 नए मरीज
जागरण संवाददाता बांदा जिले में दस दिन तक चले घर-घर टीबी खोज अभियान में 135 नए क्षय रोगी प
जागरण संवाददाता, बांदा : जिले में दस दिन तक चले घर-घर टीबी खोज अभियान में 135 नए क्षय रोगी पाए गए। अभियान में लगी 80 टीमों ने 1.53 लाख लोगों की स्क्रीनिग की। इस बीच 681 व्यक्ति संदिग्ध मिले। सभी की बलगम जांच कराई गई है। मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है।
पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत टीबी मरीज खोज के लिए जनपद में 10 दिवसीय एक्टिव केस फाइंडिग (एसीएफ) अभियान चलाया गया। टीमों ने घर-घर जाकर लोगों से टीबी के लक्षणों को लेकर सवाल किए। उनके आधार पर बलगम की जांच कराई गई। अभियान में 135 नए टीबी के मरीज पाए गए। जिले की 1.60 लाख आबादी में विशेष अभियान चलाने का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें 1,53,538 लोगों की स्क्रीनिग की गई। संदिग्ध पाए गए 681 लोगों के बलगम व एक्सरे जांच की गई। इसमें 135 नए मरीज टीबी मरीज चिन्हित किए गए। इन सभी मरीजों को चिन्हित करने के साथ ही उपचार शुरू कर दिया गया है। अभियान में 80 टीमें और 16 सुपरवाइजर लगाए गए थे। यदि किसी परिवार में पहले से ही कोई टीबी का मरीज है, तो उस परिवार के अन्य सदस्यों को टीबी होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसीलिए टीबी के सभी मरीजों के परिवारों की स्क्रीनिग भी की गई है।
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मरीजों को मिलेगा निक्षय पोषण योजना का लाभ
टीबी कार्यक्रम के जिला समन्वयक प्रदीप वर्मा ने बताया कि टीबी का इलाज करा रहे प्रत्येक मरीज को उपचार के दौरान 'निक्षय पोषण योजना' के तहत सरकार से 500 रुपये प्रतिमाह की प्रोत्साहन राशि उनके खाते में दी जा रही है। एसीएफ. के दौरान जो भी मरीज मिले हैं, उनका उपचार शुरू करने के साथ ही निक्षय पोर्टल पर भी दर्ज किया जा रहा है। उन्हें अपने खानपान का ध्यान रखने को 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रति माह उनके खाते में पहुंचेगी। --------------
-टीबी की जांच और उपचार की निश्शुल्क सुविधा जिले में उपलब्ध है। अपने आसपास किसी भी व्यक्ति में टीबी में लक्षण देखे तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। क्षय रोग विभाग की ओर से सभी स्वास्थ्य केंद्रों में टीबी की जांच की सुविधा शुरू की गई है।
-डॉ. एमसी पाल,जिला क्षय रोग अधिकारी