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यूपीकैटेट प्रवेश परीक्षा में दूसरे दिन 11 रहे गैरहाजिर

जागरण संवाददाता बांदा मेरठ के सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की ओर

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Aug 2021 10:39 PM (IST)Updated: Fri, 13 Aug 2021 10:39 PM (IST)
यूपीकैटेट प्रवेश परीक्षा में दूसरे दिन 11 रहे गैरहाजिर
यूपीकैटेट प्रवेश परीक्षा में दूसरे दिन 11 रहे गैरहाजिर

जागरण संवाददाता, बांदा : मेरठ के सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित कराई गई यूपी कैटेट की प्रवेश परीक्षा के दूसरे दिन परास्नातक व पीएचडी में कुल 11 छात्र अनुपस्थित रहे। जबकि 194 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। बांदा कृषि विश्विवद्यालय के कुलपति ने परीक्षा केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

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शहर के आदर्श बजरंग इंटर कालेज में दूसरे दिन शुक्रवार को परास्नातक व पीएचडी के प्रवेश परीक्षा कराई गई। कुल सचिव डा.एसके सिंह ने बताया कि परास्नातक में 159 में 152, पीएचडी में 46 में 42 परीक्षार्थी उपस्थित रहे। दोनों में कुल 11 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। बताया कि कोविड-19 नियमों का पालन कराते हुए परीक्षा संपन्न कराई गई है। कुलपति डा.यूएस गौतम ने परीक्षा केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस वर्ष परीक्षार्थियों की संख्या कम होने के चलते एक ही परीक्षा केंद्र बनाया गया था। परीक्षा आयोजित कराने में बांदा कृषि विश्वविद्यालय से डा.जीएस पवार को पर्यवेक्षक, डा.मो.नासिर को सहायक अधीक्षक नामित किया गया। पहले दिन स्नातक के लिए 524 में 479 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। मेरठ विश्वविद्यालय के डा.रियाज अहमद सिद्दीकी को अधीक्षक, डा.कौशलेश रंजन, डा.अमित, डा.विवेक को सहायक अधीक्षक के रूप में लगाया गया था। अगले वर्ष यूपी कैटेट की परीक्षा का आयोजन बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कराएगा।

पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण की तैयारी पूरी

जागरण संवाददाता, बांदा : कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डा. यूएस गौतम ने बताया कि बुंदेलखंड में समस्याएं, प्राकृतिक विषमताएं, बेरोजगारी व पलायन, ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओं व बच्चों में कुपोषण, गरीबी, लोंगो की कम आय आदि के निराकरण में मशरूम उत्पादन व्यवसाय एक प्रमुख भूमिका निभा सकता हैं। मशरूम का उत्पादन कर लघु व सीमांत किसान भी कम लागत और अल्प अवधि में ज्यादा लाभांवित हो सकते हैं। इसका प्रशिक्षण 16 अगस्त से दिया जाना है। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।

कुलपति डा. गौतम ने बताया कि मशरूम, फसल विविधीकरण, लोगों के पोषण व आय सुरक्षा में सुधार के लिए उपलब्ध महत्वपूर्ण विकल्पों में से एक मशरूम उत्पादन हैं। विश्वविद्यालय में स्थापित मशरूम अनुसंधान व प्रशिक्षण केंद्र के द्वारा महिला किसानो व अन्य महिलाओं के लिए शुल्क आधारित पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण का आयोजन 16 से 20 अगस्त तक किया जायेगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में मशरूम उद्यम के प्रति तकनीकी व व्यावसायिक जागरूकता पैदा करना है। इस कार्यक्रम में बांदा व बुंदेलखंड के अन्य क्षेत्रों की महिलाएं 14 अगस्त तक बांदा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित मशरूम इकाई में पहुंच कर अपना पंजीकरण कराकर मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग कर इसका लाभ उठा सकते हैं। इस कार्यक्रम से सम्बंधित अन्य जानकारी के लिए मशरूम यूनिट के प्रभारी डॉ. दुर्गा प्रसाद व विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र कुमार सिंह से संपर्क किया जा सकता है।


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