धान की फसल बालियों से लदी, पानी से किसानों की उपज बर्बाद
खरझार नाला में बाढ़ से 10 गांव पानी से घिरे किसानों ने की कृषि अनुदान दिलाने की मांग
बलरामपुर: लगातार तीन दिन हुई बारिश से खेती-किसानी तबाह हो गई है। खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल के लिए बारिश आफत बन गई। खेत में गिरी धान की बालियों में अंकुर निकलने से किसानों की चिता बढ़ गई है।
वहीं, दूसरी तरफ पहाड़ों पर हुई बारिश के कारण खरझार नाला में उफान आ गया। बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया। कुछ गांव का आवागमन भी बाधित है। 10 से अधिक गांव पानी से घिरे गए हैं। कई हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगी फसलों में नाले की रेत पट गई है। हालांकि, पानी का फैलाव देखकर ग्रामीणों ने घरों का सामान पहले ही सुरक्षित कर लिया था। इस कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। रामगढ़ मैटहवा, शांतिपुरवा, सहबिनिया, राम स्वरूप पुरवा, बरगदही, पटोहाकोट, बुडंतपुर, पुरेछीटन, अमरहवा, सुगानगर, जगरामपुरवा, लहेरी, विजयीडीह गांव पानी से घिर गए हैं।
धान के लिए आफत बनकर आई बारिश:
अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में हुई बारिश धान की फसल के लिए आफत बनकर आई है। गैंसड़ी, पचपेड़वा, ललिया, हरैया सतघरवा में खेतों में पानी भर गया है। मटर, सरसों की बोआई कर चुके किसानों के खेतों में पानी भर जाने से बीज सड़ने लगा है। सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसल को हुआ है। खेतों में गिरी धान की बालियों में अंकुर निकल आए हैं। बुधवार को धूप निकलने पर किसान फसल देखने खेत पहुंचे तो होश उड़ गए।
पचपेड़वा हिसामपुर के केशव यादव, रामजी, निर्मल प्रसाद ने धान की बाली दिखाते हुए कहा कि बरसात ने सब बर्बाद कर दिया। अंकुर निकलने से अब कुछ नहीं बचा। खेतों में पानी भरा है। इसका सहेजा भी नहीं जा सकता है। गैंसड़ी के रकीब खां ने बताया कि करीब 20 बीघा धान की फसल राब हो गई। महुआ के मौलाना कुतुबउल्ला ने बताया कि आठ एकड़ में लगी धान की फसल तेज हवाओं के कारण गिर गई।
किसान अनुराग सिंह, अतवारी वर्मा, मेलाराम मौर्य ने बताया कि असमय बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। किसानों ने कृषि अनुदान की मांग की है।