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नहीं बदली सोंच, लगातार हो रही मौत

बलरामपुर: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जिले में हर घर शौचालय निर्माण का अभियान चल रह

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 11:51 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 11:51 PM (IST)
नहीं बदली सोंच, लगातार हो रही मौत
नहीं बदली सोंच, लगातार हो रही मौत

बलरामपुर: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जिले में हर घर शौचालय निर्माण का अभियान चल रहा है। शौचालय का प्रयोग लोग करें। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। बावजूद इसके ग्रामीण खुले में शौच जाने से बाज नहीं आ रहे हैं। खुले में शौच जाने से लोग घटना का भी शिकार हो रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर शौच के लिए खेत गए चार लोगों की मौत हो चुकी है। यह घटनाएं इस लिए घटी की ग्रामीणों ने अपनी सोच नहीं बदली। और खुले में शौच को चले गए। बारिश का मौसम होने के कारण तालाब भी लबालब भरे हैं। खेतों में भी पानी है। ऐसे में रेलवे ट्रैक के किनारे ही लोग शौच को जाते हैं। जरा सी लापरवाही होते घटना घट जाती है।

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केस एक - मंगलवार भोर में तुलसीपुर थाना क्षेत्र के जुगलीपुर निवासी रामसागर शौच के लिए रेलवे ट्रक पर गया था। उसी बीच अन्त्योदय ट्रेन आ गई । उसकी चपेट में आने से राम सागर का हाथ- पैर कट गया। जिससे उसकी मौत हो गई। परिवारजनों का रो-रोकर हाल बेहाल है।

केस दो - ललिया थाना क्षेत्र के बेनीडीह निवासी पतिराम की तालाब में डूबने से मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि रविवार की शाम वह घर से शौच के लिए निकला था। लौटकर घर नहीं आया। पूरी रात उसकी तलाश की गई नहीं मिला। सोमवार को तालाब में उसका शव मिला।

केस तीन - महराजगंज तराई क्षेत्र के ग्राम सहबनिया निवासी मोहम्मद कैफ की मौत पानी से भरे गड्ढे में डूबने से हो गई। परिवार के लोगों ने बताया कि सोमवार सुबह शौच के लिए गया था। गहरे गड्ढे में गिर जाने से उसकी मौत हो गई। परिवार के लोगों का रो-रोकर हाल बेहाल है।

केस चार - कोतवाली गैंसड़ी क्षेत्र के बाजार निवासी आमिर अहमद की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गई। पिता मुसीबत ने बताया कि उसका बेटा शौच के लिए रेलवे ट्रैक की तरफ गया था। उसी बीच बांद्रा एक्सप्रेस ट्रेन आ गई। जिसकी चपेट में आने से उसकी मौत हो गई।

जिले को दो अक्टूबर तक खुले में शौच मुक्त करने का लक्ष्य लेकर अफसर कार्य कर रहे हैं। तेजी से शौचालय निर्माण भी चल रहा है। जिले में डेढ़ लाख से अधिक शौचालय निर्माण का लक्ष्य था। दो अक्टूबर तक 66031 शौचालयों का निर्माण करना है। औसतन 14 सौ शौचालय निर्माण प्रतिदिन किया जा रहा। तीन सौ गांव ओडीएफ की लाइन में हैं। इसके बाद भी ग्रामीण शौच के लिए इज्जत घर का प्रयोग कम कर रहे हैं।

शौचालय का करें प्रयोग

जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश का कहना कि ग्रामीणों को शौचालय प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। शौचालय प्रयोग की लोग आदत डालें। स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। घटनाओं से भी बचा जा सकता है।


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