सुधा ने सुझाई डगर, ताकि फिजाओं में न घुले जहर
ग्रामपंचायत निधि से खरीदी कंबाइडर मशीन इसकी कटाई से खेत में नहीं बचेगी पराली
बलरामपुर : पराली जलाने से रोकने के लिए शासन प्रशासन ने भले ही तमाम प्रयास किए, लेकिन इसे रोका नहीं जा सका। इसे देख ग्राम पंचायत अड़ार पाकड की ग्राम प्रधान सुधा ने ऐसी तरकीब बनाई, जिसे सुनकर सीएम भी खुद को उसकी तारीफ करने से नहीं रोक पाए। उन्होंने ग्राम प्रधान को बुलाकर स्वचालित रिपर कंबाइडर की अनुदान राशि का चेक सौंपा। कृषि विभाग के फार्म मशीनरी बैंक योजना से मिले अनुदान व ग्राम पंचायत निधि से आई मशीन से ग्रामीण फसल की कटाई करने लगे हैं। सतह तक कटाई होने से खेत में पराली नहीं बच रही है। किसानों को खेत साफ करने के लिए उसमें आग लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। लोगों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित भी कर रहीं हैं।
किसान व पर्यावरण का समझा दर्द, ढूढ़ा तरकीब : -ग्राम प्रधान सुधा पांडेय का कहना है कि पराली जलाने से पर्यावरण व खेतों को दोनों को नुकसान हो रहा था, लेकिन कटाई की मजदूरी महंगी होने के कारण किसान मान नहीं रहे थे। पर्यावरण व किसान दोनों का दर्द समझ उसने ग्रामपंचायत निधि की मदद लेकर स्वचालित रिपर कंबाइडर मशीन खरीदने की योजना बनाई। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. प्रभाकर सिंह ने साथ दिया। सीएम के आगमन पर उन्हें जब इसके बारे में जानकारी दी गई तो वह भी प्रशंसा करने से खुद को नहीं रोक पाए। मंच पर बुलाकर प्रधान सुधा पांडेय को फार्म मशीनरी बैंक योजना से लाभांबित करते हुए चार लाख रुपये अनुदान का स्वीकृति पत्र दे दिया। मामूली खर्च पर होगी फसल की कटाई :
ग्राम प्रधान सुधा पांडेय ने बताया कि स्वचालित रिपर कंबाइडर मशीन आ गई है। उसे किसान शिवकुमार तिवारी के खेत में दो बीघा धान काटा गया। यह मशीन से एक घंटे में चार बीघा फसल काट सकते हैं। गांव का कोई भी व्यक्ति मशीन लेकर अपना खेत काट सकता है। मशीन का शुल्क महज 200 रुपया प्रति बीघा रखा गया है जो कटाई की मजदूरी से काफी कम है। कंबाइडर से हुई कमाई को ग्रामपंचायत निधि में जमा किया जाएगा। फसल की पूरी (बंडल) बन जाती है।