सोलर लाइट लगा नहीं, खर्च हो गए नौ लाख
संवादसूत्र बलरामपुर गांवों में सोलर लाइट लगवाने में खेल का उजागर होने लगा है। तुलसीपुर ब्लॉक के कंदैला गांव में नौ लाख रुपये लाइट पर ही व्यय कर दिया गया है। लेखा परीक्षा टीम ने कागज पर सोलर लाइट लगवाने का राजफाश किया है। जिला लेखा परीक्षाधिकारी ने डीपीआरओ को संबंधित ग्राम पंचायत सचिव व प्रधान से वसूली का पत्र लिखा है। इसी तरह का खेल जिले के अन्य गांवों में भी होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। गलियों को रोशन करने के लिए गांवों में सोलर लाइट लगवाने में ग्राम प्रधान व सचिवों ने खूब दिलचस्पी दिखाई। जिले के सभी नौ विकास खंड में सोलर लाइट
बलरामपुर : गांवों में सोलर लाइट लगवाने में खेल उजागर होने लगा है। तुलसीपुर ब्लॉक के कंदैला गांव में नौ लाख रुपये लाइट पर ही व्यय कर दिया गया है। लेखा परीक्षा टीम ने कागज पर सोलर लाइट लगवाने का राजफाश किया है। जिला लेखा परीक्षाधिकारी ने डीपीआरओ को संबंधित ग्राम पंचायत सचिव व प्रधान से वसूली का पत्र लिखा है।
जिले के सभी नौ विकास खंड में सोलर लाइट लगवाने में खेल हुआ है। निदेशक पंचायत ने सोलर लाइट पर कितनी धनराशि किस मद से व्यय की गई है, इसकी रिपोर्ट मांगी है। दूसरी तरफ लेखा परीक्षा अधिकारी ने तुलसीपुर विकास खंड के ग्राम कंदैला में सोलर लाइट पर नौ लाख रुपये खर्च करने का मामला पकड़ा है। इस धनराशि से गांव में 40 सोलर लाइट लगाना ग्राम पंचायत की पंजिका में अंकित है। कई बार में 90 हजार रुपये व्यय करना दर्शाया गया है, लेकिन उससे संबंधित अभिलेख नहीं उपलब्ध करा सके। यही नहीं, सोलर लाइट लगवाने के लिए किसी उच्चाधिकारी से कोई स्वीकृति नहीं ली गई है। जबकि पांच लाख से अधिक की कार्य योजना की तकनीकी स्वीकृति जिला पंचायत के अभियंता व वित्तीय एवं प्रशासनिक की जिला अधिकारी से लेने का नियम है। यहां इसका भी अनुपालन नहीं किया गया। वरिष्ठ लेखा परीक्षाधिकारी अनिरुद्ध द्विवेदी का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में कंदैला में 12,28,713 रुपये व्यय किया गया है। जिसमें सोलर लाइट पर नौ लाख व्यय किया गया है। डीपीआरओ नरेश चंद्र का कहना है कि संबंधित से जवाब तलब किया जाएगा। जागरण ने पहले ही व्यक्त की थी आशंका :
-दैनिक जागरण ने लाइट से निकला भ्रष्टाचार का अंधेरा शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसमें बिना उच्चाधिकारियों से वित्तीय स्वीकृति लिए ही लाखों की सोलर लाइट खरीदने का मामला उजागर किया था। जिसकी पुष्टि जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां एवं पंचायतें की रिपोर्ट से हुई है।