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मेरा भोला है भंडारी करे नंदी की सवारी...

शिव आराधना के लिए उपयुक्त श्रावण मास के तीसरे साेमवार को शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Aug 2022 09:45 PM (IST)Updated: Mon, 01 Aug 2022 09:45 PM (IST)
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जागरण टीम, बलरामपुर : शिव आराधना के लिए उपयुक्त श्रावण मास के तीसरे सोमवार को शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। शिव भक्तों ने भोलेनाथ का दर्शन कर जलाभिषेक किया। वातावरण में चारों तरफ हर-हर महादेव, बोल बम व ओम नम: शिवाय की गूंज रही। पचपेड़वा, सादुल्लाहनगर आदि स्थानों पर हर-हर बम-बम का जयघोष करते हुए कावंड़ियों का जत्था शिवालयों में पहुंचा। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया। मंदिरों व घरों में श्रद्धालुओं ने शिव चालीसा, शिव कीर्तन, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के साथ रुद्राभिषेक किया। -नगर के झारखंडी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गई। श्रद्धालुओं ने बेलपत्र व भांग-धतूरा के साथ जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक किया। शिवलिंग पर पहले जलाभिषेक करने की श्रद्धालुओं में होड़ रही। इसी तरह धर्मपुर स्थित झारखंडेश्वर महादेव, हरिहरगंज के निकट गिधरैया स्थित रेणुकानाथ मंदिर, राजापुर भरिया स्थित जंगली नाथ व पचपेड़वा के शिवगढ़ धाम मंदिरों पर भी श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। उतरौला में शिव मंदिरों पर जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा रहा। भोर से ही श्रद्धालु नगर क्षेत्र के दुखहरणनाथ मंदिर, पिपलेश्वर महादेव मंदिर, पंचवटी मंदिर, शिवगढ़ी मंदिरों पर कतारबद्ध हो गए। शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, शहद, दूर्वा, गंगाजल, पुष्प, भांग, धतूर से भक्तों ने अभिषेक किया। ग्रामीण क्षेत्र के पेहर, महुआ बाजार, शाहपुर इटई, पिपरा एकडंगा, रमवापुर कला, महदेइया, बक्सरिया, महुआधनी में भी बोल बम के उदघोष के साथ भक्तों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। -श्रावण मास में मारकंडेय ने की थी तपस्या : पंडित बजरंगी प्रसाद शास्त्री का कहना है कि शिवपुराण में बताया गया है कि श्रावण मास में शिवजी की पूजा करने से हर प्रकार के शुभ फलों की प्राप्ति होती है। श्रावण मास में अकाल मृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति एवं सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकंडेय ने लंबी आयु के लिए श्रावण माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे। श्रावण मास में मनुष्य को नियमपूर्वक सात्विक भोजन करना चाहिए।


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