मालभाड़े में खेल, परिवहन निगम की आमदनी फेल
स्वास्थ्य सेवाओं में 30 पायदान की लगाई छलांगस्वास्थ्य सेवाओं में 30 पायदान की लगाई छलांगस्वास्थ्य सेवाओं में 30 पायदान की लगाई छलांग
बलरामपुर : परिवहन निगम जहां एक ओर संसाधनों की कमी का रोना रो रहा है। वहीं उसके चालक-परिचालक ही राजस्व को चूना लगा रहे हैं। जिले के रोडवेज बेड़े में करीब 75 बसें विभिन्न मार्गों पर संचालित होती हैं। जिनसे मार्च में विभाग को दो करोड़ 76 लाख की कमाई हुई है लेकिन, इसमें मालभाड़े के नाम पर महज 64 हजार रुपये ही मिले हैं। जबकि चालक-परिचालक मालभाड़े के नाम पर यात्रियों से मनमाना पैसा वसूलते हैं। बुकिग रसीद मांगने पर उन्हें सामान सहित उतर जाने की बात कहकर रौब गालिब करते हैं। होती है मोटी वसूली
- गुरुवार को विद्युत विभाग गेट पर रोडवेज से उतरे रिजवान ने बताया कि गोंडा से तीन बैग व दो बोरी सामान लाने के लिए परिचालक ने 500 रुपये लिए। कोई रसीद नहीं दी। बढ़नी से आए शमसुल्ला ने बताया कि एक बोरी अनाज बलरामपुर लाने का 180 रुपये लिया। सामान बुक करने की बात पर परिचालक ने बोरी लेकर उतर जाने को कहा। 64,677 की कमाई :
- परिवहन निगम में 98 पैसा प्रति क्विटल/किलोमीटर भाड़ा निर्धारित है। बस स्टैंड पर संस्था व रास्ते में परिचालक सामान बुक करते हैं लेकिन, जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। चालक-परिचालक साठगांठ कर मालभाड़े से मिलने वाली रकम स्वयं डकार जाते हैं। इसी कारण मार्च में परिवहन निगम को किराए से दो करोड़ 76 लाख मिले, लेकिन बुकिग के नाम पर महज 64,677 रुपये ही विभाग में जमा हुआ। कराई जाएगी जांच
- एआरएम आरके राही का कहना है कि बस में मालभाड़ा बुक करने का जिम्मा कार्यदायी संस्था को मिला है। छत पर सामान न लादा जाए, इसके लिए बसों की छत से स्टैंड भी निकाले जा रहे हैं। चेकिग में बिना बुक किए सामान लेकर चलने वाले परिचालकों पर कार्रवाई भी की जा रही है।