बदली जाएगी नदी की धारा, 12 गांव होंगे खुशहाल
राप्ती नदी जिन 12 गांव के लोगों के लिए अभिशाप थी अब वही वरदान साबित होगी। गांवों को उजड़ने से बचाने के लिए नदी की धारा सीधी करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
त्रिपुरारी शंकर तिवारी, गौरा चौराहा (बलरामपुर)
राप्ती नदी जिन 12 गांव के लोगों के लिए अभिशाप थी, अब वही वरदान साबित होगी। गांवों को उजड़ने से बचाने के लिए नदी की धारा सीधी करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। सालों पहले कृषि योग्य जमीन नदी में समा गई थी। उस स्थान से नदी ने फिर अपनी धारा बदल दी। जिससे कुशहवा समेत अन्य गांव कटान की जद में आ गए। नदी की धारा सीधी करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। जिससे 30 हजार ग्रामीणों को कटान से मुक्ति मिलने की उम्मीद है।
खोदाई के लिए लगी मशीन : सरयू ड्रेनेज खंड हर साल कटान से बचाव का कार्य करता था। इस बार सिचाई विभाग वाराणसी को ड्रेजिग कार्य की जिम्मेदारी दी गई है। धारा मोड़ने के लिए कुशहवा गांव के दक्षिण तरफ पोकलैंड व जेसीबी मशीन उतार दी गई है। गंगा मैया की आरधना के साथ कार्य शुरू कर दिया है।
इन गांवों की होगी सुरक्षा : नरायनपुर मझारी, लखना, बभनपुरवा, कुशहवा, नौबस्ता, रजवापुर, खम्हरिया, कोल्हुइया, पिपरा, कटरा, सेवरहा व भरभरिया कटान की जद में है। ड्रेजिग से उपरोक्त के साथ तटवर्ती अन्य गांव भी सुरक्षित होंगे। वर्तमान में नदी कुशहवा गांव के पास नए तटबंध से सटकर बह रही है।
बोले ग्रामीण : कुशहवा के रामचंद्र पांडेय का कहना है कि 80 साल में तीन बार नदी कटान करके अपनी धारा बदल चुकी है। जिससे हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि नदी में समा गई थी। भवन कुमार, मून पांडेय, लालबाबू, जिलेदार व बिहारी का कहना है कि धारा सीधी होने से किसानों को अपनी जमीन मिल जाएगी।
जिम्मेदार के बोल : सिचाई विभाग वाराणसी के सहायक अभियंता एसपी सिंह का कहना है कि नदी की धारा को बदलने का कार्य 15 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। इस कार्य के लिए पांच करोड़ रुपये मिला है। खोदाई के लिए नदी में मशीन उतार दी गई है।