यह कभी गौतम की तीरथ थी, अब सिला साप की मारी है
बलरामपुर : स्थानीय बाजार में चल रही रामलीला के तीसरे दिन रविवार को अहिल्या उद्धार का म
बलरामपुर : स्थानीय बाजार में चल रही रामलीला के तीसरे दिन रविवार को अहिल्या उद्धार का मंचन किया गया। ताड़का वध व जनकपुरी का मंचन देख दर्शक खूब आनंदित हुए।
विश्वामित्र से राम कहते हैं।'जिस ओर ²ष्टि दौड़ाता हूं, मरुभूमि ²ष्टि ही आती है। कैसी है यह जगह गुरुवर छाया न जहां दिखलाती है। वहां पड़ा पाषाण मूर्ति चारों तरफ जिसके कोहरा है, अतिशीघ्र बताएं हे गुरुवर यह कैसा अचरज सा है।'विश्वामित्र कहते हैं'यह कभी गौतम की तीरथ थी, अब सिला साप की मारी है। जब से उप राम हुई है यह, बस आशा एक तुम्हारी है।'रामलीला का मंचन स्थानीय कलाकारों ने किया। जिसमें रमेश कुमार ने राम, लक्ष्मण आकाश कसौंधन व विश्वामित्र का किरदार श्रवण कुमार जायसवाल ने निभाया। राजेंद्र पटवा, प्रेमचंद्र जायसवाल, दीपक अग्रवाल, जितेंद्र चौरसिया, ¨प्रस वर्मा, दीपक कुमार जायसवाल, आकाश कसौंधन व श्रवण कुमार जायसवाल मौजूद रहे।