लक्ष्य निर्धारण में खेल, अफसर पास,किसान फेल,
बलरामपुर : चालू वित्तीय वर्ष में जिले में धान खरीद का लक्ष्य 10,700 मीट्रिक टन है, जो पिछले वर्ष (
बलरामपुर : चालू वित्तीय वर्ष में जिले में धान खरीद का लक्ष्य 10,700 मीट्रिक टन है, जो पिछले वर्ष (24000 मीट्रिक टन) की तुलना में 13,300 कम है। जबकि धान बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाले किसानों की संख्या पिछले वर्ष 700 से बढ़कर 1228 पहुंच गई है। पंजीकरण की प्रक्रिया अभी चल रही है। क्रय केंद्रों पर अब तक बोहनी नहीं हुई है। जिससे किसान रबी फसल की बोआई को लेकर ¨चतित हैं। ऐसे में अधिकांश किसानों को अपनी उपज बिचौलियों के हाथ बेचनी पड़ेगी।
नवीन गल्ला व फल मंडी में स्थित खाद्य एव विपणन विभाग का क्रय केंद्र संचालित हैं। कुर्सी-मेज, तख्त, तौल के सामान व बोरे तक नहीं है। झरना व पंखा रखा हुआ है। यहां आने वाले किसान मायूस होकर लौट रहे हैं। ग्रामीणों को हड़ताल का हवाला देकर वापस कर दिया जाता है। किसान रामप्यारे ने बताया कि उसने अपना पंजीकरण करवा लिया था, लेकिन हड़ताल होने के कारण वह अपनी उपज दूसरे को नहीं बेच पा रहा है। व्यापारी के यहां बेचने पर उसे पांच सौ रुपये नुकसान उठाने पड़ेंगे। पैसे न होने से खेतों की बोआई नहीं कर पा रहा है। ऐसे ही ग्रामीण अंचलों में संचालित क्रय केंद्रों की हालत है। किसान बैरंग वापस लौटने को मजबूर हैं। उनकी सुनने के लिए अफसर व जिम्मेदार अफसरों के पास फुर्सत नहीं है। जिससे उन्हें लागत निकालना मुश्किल हो गया है।
इनसेट
लक्ष्य में हुआ खेल
-गत वर्ष 24 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था। जिसके सापेक्ष महज 7362 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। जो 31 प्रतिशत था। जिसके लिए 16 क्रय केंद्र खोले गए थे। करीब सात सौ किसानों ने पंजीकरण कराया था। इस वर्ष 10,700 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए 15 क्रय केंद्र खोले गए हैं। जबकि इस बार 1228 किसान अब तक पंजीकरण करवा चुके हैं। क्रय केंद्र व लक्ष्य कम होने के बाद भी अधिकारियों के धान खरीद में हाथ पैर फूल रहे हैं।
धान खरीदने के दिए जा चुके हैं निर्देश
क्रय केंद्रों पर धान खरीद अविलंब न शुरू हुई तो संबंधित प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। जिसके लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। किसानों को बैरंग वापस लौटने की शिकायत मिली तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -अरुण कुमार शुक्ल, अपर जिलाधिकारी