Move to Jagran APP

पॉलीथिन है जहर, प्रशासन ने कसी कमर

बलरामपुर : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सूबे की सरकार ने 15 जुलाई से प्रदेश भर में 50 माइक्र

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 12:13 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 12:13 AM (IST)
पॉलीथिन है जहर, प्रशासन ने कसी कमर

बलरामपुर : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सूबे की सरकार ने 15 जुलाई से प्रदेश भर में 50 माइक्रॉन तक की पतली पॉलीथिन को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। सरकार के निर्देशों का अनुपालन कराने के लिए नगर पालिका व नगर पंचायत प्रशासन ने कमर कस ली है। नगर निकायों में पॉलीथिन के भंडारण व बिक्री पर लगाम लगाने के लिए नगर निकाय, पुलिस व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम गठित की गई है। जो लोगों को पॉलीथिन के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करेगी। इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर व्यापारियों व आमजन को पर्यावरण एवं मानव जीवन को संरक्षित करने के लिए पॉलीथिन का उपयोग न करने की सीख दी जाएगी। साथ ही टीम सोमवार से नगर के बाजारों में अभियान चलाकर छापेमारी करेगी। जिसमें पॉलीथिन का उपयोग करते मिलने पर संबंधित के खिलाफ जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी।

loksabha election banner

-पॉलीथिन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए जिला प्रशासन, नगर पालिका व पुलिस की संयुक्त टीम बनाई गई है। जो लोगों को पॉलीथिन से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक कर रही है। नगर में नेपाल व पड़ोसी जनपदों से पॉलीथिन की खेप पहुंचाने वालों पर नजर रखने के लिए सीमावर्ती क्षेत्र की पुलिस व एसएसबी जवानों को सक्रिय कर दिया गया है। सोमवार से नियमित अभियान चलाया जाएगा। पॉलीथिन बेचने वालों पर सरकार ने एक लाख रुपये तक जुर्माना व छह माह तक की जेल का नियम बनाया है। -अरुण कुमार शुक्ल, एडीएम

-नगर में पॉलीथिन का प्रयोग बंद करने के लिए व्यापारी संगठनों व प्रबुद्ध जनों की बैठक कर सहयोग की अपील की गई है। इसके लिए नगर में प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। पॉलीथिन का उपयोग मानव जीवन व मवेशियों सहित पर्यावरण के लिए घातक है। नगर में होर्डिंग, बैनर, वाल पें¨टग व जागरूकता रैली निकाली जाएगी। सभी छोटे-बड़े व्यापारियों को पॉलीथिन में सामान न बेचने को रोका गया है। सोमवार से टीम अभियान चलाकर छापेमारी करेगी। -राकेश कुमार जायसवाल, अधिशासी अधिकारी

-नगर को स्वच्छ बनाने व पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए पॉलीथिन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके लिए जनता के बीच जाकर पॉलीथिन के दुष्प्रभाव बताए जाएंगे। सड़क व जमीन पर फेंके गए कूड़े में पॉलीथिन को अलग कराकर उसके निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही लोगों से पॉलीथिन न जलाने की अपील की जाएगी। इसके लिए सभी वार्डों के सभासद अपने-अपने मुहल्ले में जागरुकता शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करेंगे। इसके लिए सभी सभासदों व कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं। -किताबुन्निशा, नगर पालिका अध्यक्ष

विकल्प अपनाने से बढ़ेगा कारोबार :-पॉलीथिन के बढ़ते उपयोग का प्रमुख कारण दैनिक वस्तुओं की खरीदारी है। पॉलीथिन पर प्रतिबंध होने की दशा में लोगों को सब्जी, फल, दुग्ध उत्पाद, मांस, मछली समेत अन्य खाद्य पदार्थों व दैनिक आवश्यकता की वस्तुएं खरीदने के लिए विकल्प की आवश्यकता होगी। जिसमें कपड़े का थैला, जूट के बैग व कागज के लिफाफे कारगर साबित होंगे। जिले भर में रोजाना करीब चार ¨क्वटल से अधिक पॉलीथिन की खपत होती है। ऐसे में इस पर प्रतिबंध से वैकल्पिक व्यवस्था के कारोबार में इजाफा तय है। महिला विकास संस्थान की प्रबंधक पूर्णिमा ¨सह का कहना है कि कपड़े व जूट के थैले एवं लिफाफा की मांग बढ़ने पर गृह उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। कपड़े, जूट, पटसन के झोले की सिलाई करने से दर्जियों को भी अच्छा मुनाफा होगा। साथ ही महिलाओं की घरों में लिफाफे बनाकर अच्छी आय हो सकेगी।

फरमान का नहीं दिखा असर :-प्रदेश में 15 जुलाई से पॉलीथिन पर भले प्रतिबंध लगा दिया गया हो लेकिन, पहले दिन ही नगर के बाजारों में फरमान की हवा निकल गई। प्रशासनिक टीम पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कवायदों में जुटी है लेकिन, आमजन व व्यापारी बाजार में पॉलीथिन का खुलेआम उपयोग करने से नहीं हिचक रहे। रविवार को नगर के मुख्य बाजार में सब्जी, फल समेत अन्य दुकानों पर व्यापारी पॉलीथिन में सामान बेचते दिखे। इसी तरह किराना की छोटी-बड़ी दुकानों पर भी लोग पॉलीथिन में सामान ले जाते दिखे। ऐसे में पॉलीथिन के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने व उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का दावा पूरी तरह हवाई साबित हुआ।

हम शपथ लेते हैं :-पॉलीथिन में सामान लाने व ले जाने में लोगों को थोड़ी सहूलियत तो जरूर होती है लेकिन, यह हर रूप में मानव जीवन के लिए घातक है। पॉलीथिन पर प्रतिबंध पहले ही लग जाना चाहिए था। मैं संकल्प लेता हूं कि अब सामान खरीदने के लिए बाजार में कपड़े व जूट का झोला लेकर जाऊंगा और आस-पड़ोस में भी लोगों को सलाह दूंगा। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सराहनीय है। इसके लिए मैं लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से जागरुक करने का भी प्रयास करूंगा। -आशुतोष मिश्र, कर्मचारी

-पॉलीथिन के दुष्प्रभाव के बारे में लगभग सभी व्यक्ति को जानकारी है लेकिन, इसका उपयोग थमने का नाम नहीं ले रहा है। न्यायालय के आदेश पर पहले चरण में नगर निकायों से पॉलीथिन पर प्रतिबंध की शुरुआत अच्छी पहल है। मैं शपथ लेता हूं कि न्यायालय के आदेश का पालन करूंगा। साथ ही फेसबुक, वॉट्स एप पर अपील करने के साथ क्लीनिक पर आने वाले मरीजों को भी पॉलीथिन की जगह कपड़े का झोला व कागज के लिफाफों के उपयोग की सलाह दूंगा। -डॉ. मोहम्मद अनवर, चिकित्सक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.