अधूरे हैं पीएम आवास, ठिठुर कर कटती रात
क्करू द्धश्रह्वह्यद्गह्य द्बठ्ठष्श्रद्वश्चद्यद्गह्लद्गक्करू द्धश्रह्वह्यद्गह्य द्बठ्ठष्श्रद्वश्चद्यद्गह्लद्गक्करू द्धश्रह्वह्यद्गह्य द्बठ्ठष्श्रद्वश्चद्यद्गह्लद्गक्करू द्धश्रह्वह्यद्गह्य द्बठ्ठष्श्रद्वश्चद्यद्गह्लद्गक्करू द्धश्रह्वह्यद्गह्य द्बठ्ठष्श्रद्वश्चद्यद्गह्लद्ग
बलरामपुर : पूस की सर्द रातें उन गरीबों पर भारी गुजर रहीं हैं जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दूसरी किस्त नहीं मिल सकी। फूस, टीन व खपरैल को ढहा कर पक्की छत की आस में गरीब परिवार पॉलीथिन तानकर एवं दीवार बना कर बसर कर रहे हैं। यही नहीं, दूसरी किस्त की आस में कुछ लाभार्थियों ने उधार पर रकम उठाकर आधा-अधूरा निर्माण भी करा लिया। अब अफसरों की चौखट पर दस्तक दे रहे हैं। नगर क्षेत्र के करीब 35 परिवार ऐसे हैं जिनका आवास दूसरी किस्त न मिलने से अधूरा है। जिम्मेदार अफसर धरातल पर उतरने के बजाय कागजी घोड़े दौड़ाने में जुटे हैं। पॉलीथिन के सहारे कट रही रात :
-लोनियाडीह निवासिनी सुग्गावती ने बताया कि रहने के लिए पहले फूस का मकान था। पहली किस्त मिलने के बाद कुछ रकम उधार लेकर दीवार खड़ी कर ली। अब दूसरे की जमीन में पॉलीथिन के नीचे बच्चों के साथ रात गुजारने को मजबूर हैं। सुरेंद्र कुमार का कहना है कि जून में 50 हजार की पहली किस्त मिली थी। नींव व दीवार मिलाकर लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। कर्ज अदा न कर पाने के कारण मुंह छिपाने की नौबत आ गई है। आर्यनगर निवासी प्रदीप कश्यप ने बताया कि दूसरी किस्त के लिए जनता दर्शन व समाधान दिवस में कई बार प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई। शिवा कश्यप ने बताया कि किस्त पाने की उम्मीद में दीवार व छत का काम उधार की रकम से पूरा करा लिया। दरवाजे-खिड़की व प्लास्टर का काम बाकी है। जिम्मेदार के बोल :
-एसडीएम जेपी ¨सह का कहना है कि सभी लाभार्थियों को दूसरी किस्त के भुगतान के लिए जिला नगरीय विकास अभिकरण को पत्र लिखा जा चुका है। जांच पूरी हो चुकी है। जल्द ही लाभार्थियों के खाते में रकम पहुंच जाएगी।