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ड्यूटी लगते ही शुरू मिन्नतों का दौर, पैरवी चहुंओर

चुनाव में ड्यूटी से मुक्त रखने को कर रहे मनुहार बीएसए ने गुरुजनों को जारी किया निर्देश

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 10:18 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 10:18 PM (IST)
ड्यूटी लगते ही शुरू मिन्नतों का दौर, पैरवी चहुंओर
ड्यूटी लगते ही शुरू मिन्नतों का दौर, पैरवी चहुंओर

बलरामपुर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगते ही मिन्नतों का दौर शुरू हो गया है। ज्यादातर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की ड्यूटी पीठासीन, मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय व तृतीय के रूप में लगाई गई है। ऐसे में, तैनात किए गए अधिकारी-कर्मचारी जोर आजमाइश कर ड्यूटी न करने के लिए तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं।

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कोई छोटे बच्चे की देखरेख तो कोई बीमारी का बहाना लेकर ड्यूटी कटवाने के लिए नेताओं व अधिकारियों की चौखट नाप रहा है। हालांकि अभी 12 अप्रैल से सभी को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है। बाद में किसकी ड्यूटी कटती है और किसे जाना होगा, इसे लेकर कर्मियों में बेचैनी है।

कुछ ऐसे कर रहे मनुहार :

'जिलाधिकारी महोदया, मैं गंभीर बीमारी से पीड़ित हूं। पूर्व में कोरोना पाजिटिव भी हो चुका हूं। वर्तमान में एक निजी अस्पताल से मेरा इलाज चल रहा है। कृपया मुझे चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने की कृपा करें।' यह निवेदन श्रीदत्तगंज शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत एक शिक्षामित्र का है।

रेहराबाजार व उतरौला शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय की दो शिक्षिकाओं ने बच्चा छोटा होने के कारण ड्यूटी करने में असमर्थता जाहिर करते हुए आग्रह किया है।

वहीं, शिवपुरा शिक्षा क्षेत्र के एक शिक्षक ने प्रार्थना पत्र में कहाकि 'पंचायत चुनाव के दौरान उसका तिलकोत्सव एवं विवाह है। गत वर्ष लाकडाउन के कारण विवाह नहीं हो पाया था। इस साल चुनाव में पीठासीन के रूप में ड्यूटी लगा दी गई है। इसलिए चुनाव ड्यूटी से मुक्त किया जाए।' ये तो महज बानगी भर हैं। चुनाव ड्यूटी से नाम हटवाने के लिए शिक्षक व कर्मचारी तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। प्रभावशाली लोगों के जरिए पैरवी शुरू कर दी गई है।

निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण कराने का निर्देश :

बीएसए डा. रामचंद्र का कहना है कि प्रधानाचार्य, सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र, अनुदेशक व अन्य कर्मियों को चुनाव में पीठासीन, मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय व तृतीय का दायित्व मिला है। कतिपय कार्मिक आधारहीन प्रत्यावेदन देते हुए ड्यूटी से मुक्त करने की मांग कर रहे हैं। यह उनके कर्तव्यों व दायित्वों में लापरवाही का द्योतक है। सभी को निर्धारित तिथियों में समय से प्रशिक्षण प्राप्त कर निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया है।


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