कमाई का जरिया बना इलाज
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बलरामपुर : संयुक्त जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों ने इलाज कराने वाले मरीजों को कमाई का जरिया बना लिया है। डॉक्टर सामान्य मरीजों को हजार-दो हजार की जांच लिख देते हैं। इमरजेंसी में दवा होने के बाद भी मरीजों को बाहरी दवा लिखने का खेल खूब चल रहा है। ऐसे में मुफ्त इलाज की आस में अस्पताल आने वाले मरीज जांच व दवा खरीद के नाम पर लुट रहे हैं। उल्टी-दस्त के मरीज को 1600 की जांच लिखने पर सीएमओ ने चिकित्सक से जवाब तलब किया है।
गैंसड़ी के सदवापुर पिपरा तहसील निवासी रामसुमिरन के बेटे गुंजन (छह) को शुक्रवार की रात उल्टी-दस्त शुरू हो गया। गंभीर हालत में सुबह परिवारजन उसे लेकर संयुक्त चिकित्सालय की इमरजेंसी पहुंचे। डॉक्टर ने बच्चे को ग्लूकोज की बोतल लगाने के बाद पिता को छोटी पर्ची पर सीबीसी, कंप्लीट एलएफटी, सीरम सोडियम एंड पोटेशियम, विडाल टेस्ट व केएफटी की जांच लिखकर पकड़ा दी। परिवारजन का आरोप है कि डॉक्टर ने उन्हें बाहर से जांच कराने को भी कहा। मजदूरी करने वाले रामसुमिरन ने कर्ज लेकर 1600 रुपये की जांच कराई। दोपहर करीब 12 बजे टीबी का एक मरीज भी गंभीर हालत में इमरजेंसी पहुंचा। चिकित्सक ने उसे सीधे टीबी अस्पताल न भेजकर सामान्य मरीजों के साथ ही इमरजेंसी में लिटा दिया। इमरजेंसी में संक्रमण (इंफेक्शन) की सुई पीपरासिलीन टेजोबेक्टम उपलब्ध होने के बाद भी इसकी दूसरी ब्रांड बाहर से मंगवाई। नहीं लिखी अनावश्यक जांच :
- इमरजेंसी में तैनात डॉ. फारुख का कहना है कि गुंजन को उन्होंने कोई अनावश्यक जांच नहीं लिखी है। बच्चे को बुखार आने के कारण पांच जांच कराई गई है। स्पष्टीकरण तलब :
- सीएमओ डॉ. घनश्याम सिंह का कहना है बाहरी जांच का पर्चा देखने के बाद इमरजेंसी में तैनात डॉ. फारुख से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।