डीएम साहब! नहीं थम रहा बाहरी दवा लिखने का सिलसिला
बलरामपुर : सरकारी अस्पताल में मरीजों को बाहर की दवा न लिखे जाने को लेकर अधिकारी चाहे
बलरामपुर : सरकारी अस्पताल में मरीजों को बाहर की दवा न लिखे जाने को लेकर अधिकारी चाहे जितनी सख्ती बरतें, लेकिन जिला क्षय रोग अस्पताल में यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश से इसकी शिकायत होने के बाद भी चिकित्सक मरीजों को 2000 से 2100 तक की दवा बाहर से लिखते हैं। मंगलवार को दोपहर 12.30 बजे जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सजीवन लाल अपने कक्ष में ओपीडी करते मिले। अजबनगर फरेंदा निवासी रिजवान बाहरी दवा लेकर उनके कक्ष में पहुंचा। उसने बताया कि बड़े भाई इलियास को इंफेक्शन हो गया है। डॉक्टर ने उनके लिए 2100 की दवा बाहर से मंगवाई है। चिकित्सक के इशारे पर एक स्वास्थ्य कर्मी रिजवान को लेकर बाहर चला गया। कक्ष के सामने गली में स्वास्थ्य कर्मी ने तीमारदार को दवा खाने का तरीका समझाया। इसी तरह राजेश, शहंशाह आलम व नंदनगर ठठिया निवासी बृजेंद्र कुमार को भी बाहर की दवा लिखी गई।
खूब चलता है जांच लिखने का खेल- जिला क्षय रोग अस्पताल में मरीजों को बाहरी जांच लिखने का खेल भी खूब चलता है। चिकित्सक टीबी के मरीजों को भी ब्लड व अल्ट्रासाउंड जांच लिखते हैं। जांच के लिए मरीजों को संयुक्त जिला चिकित्सालय नहीं बल्कि अस्पताल के सामने संचालित निजी पैथोलॉजी में भेजा जाता है। जिम्मेदार के बोल :
- डीटीओ डॉ. सजीवन लाल का कहना है कि क्षय रोग के किसी भी मरीज को बाहर की दवा नहीं लिखी गई है। अन्य बीमारी वाले मरीजों को उनके कहने पर बाहर की दवा लिखी गई है।