Move to Jagran APP

मौसम रहा मेहरबान तो पूरे होंगे मिनी मलीहाबाद के अरमान

अपने उत्पादन के लिए प्रदेश भर में अलग पहचान बनाने वाले जिले में आम के बाग इस समय लहलहा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 11:05 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:10 AM (IST)
मौसम रहा मेहरबान तो पूरे होंगे मिनी मलीहाबाद के अरमान

बलरामपुर : अपने उत्पादन के लिए प्रदेश भर में अलग पहचान बनाने वाले जिले में आम के बाग इस समय लहलहा रहे हैं। मौसम की मेहरबानी मिनी मलीहाबाद कहे जाने वाले इस जिले में आम के बागवानों के चेहरे खिल गए हैं। यहां के खगईजोत, रानीजोत, उतरौला, शिवपुरा, ललिया, मथुरा, पचपेड़वा व गैंसड़ी क्षेत्र में हजारों हेक्टेयर क्षेत्रफल में आम के बाग हैं। जहां से आमों की खेप गोरखपुर, बलिया, कानपुर, लखनऊ की मंडी के साथ नेपाल के काठमांडू, बुटवल, दुबई व सऊदी अरब तक जाती है। गत वर्ष आंधी तूफान से बागवानों को काफी नुकसान हुआ था लेकिन इस बार उसकी भरपाई होने की उम्मीद है।

loksabha election banner

बारिश आम के लिए मुफीद : लगातार पांच दिन हुई बारिश ने आम के बागवानों में और खुशी पैदा कर दी है। कारण आम के पेड़ों में दहिया, जाला सहित अन्य कई रोग लगने की आशंका थी, लेकिन बारिश के बाद पत्ते धुल गए हैं। जिससे रोग की आशंका कम हो गई है। जिला उद्यान अधिकारी लाल बहादुर का कहना है कि यहां करीब 6500 हेक्टेयर में आम की खेती होती है। इस बार आम की फसल अच्छी होने की उम्मीद है। बाग में आम के पेड़ों पर बौर आने के लक्षण दिखने लगे हैं जो शुभ संकेत है।

देखरेख में जुटे बागवान : गेल्हापुर में आम का बाग लगाने वाले पप्पू कहते हैं कि इस बार फसल अच्छी रहेगी। शिवचरन डीह के राजेंद्र सिंह, चैपुरवा के राकेश सिंह, पूर्व विधायक गीता सिंह के आम महानगरों की मंडियों तक जाते है। धंधरा, बिनोहनी, जमुनीकला, ठकुरापुर, साथी, जमुनी, महादेव, शिवपुर, धंधरा,भदुवा, भगवानपुर, मदरहवा, सुदर्शनजोत में भी आम के बाग है। जहां बागवान उनकी देखरेख में जुट गए हैं।

बरते सावधानी तो अच्छी होगी फसल : उद्यान निरीक्षक जगदीश प्रसाद ने बताया कि आम को झुलसा व खर्रा सहित अन्य रोगों से बचाव के लिए जोताई कर देनी चाहिए। 15 से 20 दिन के अंतर पर कुईनालफास दवा का छिड़काव जरूरी है। तिलकपुर स्थित राजकीय पौधशाला में बारहमासी, आम्रपाली, लंगड़ा, चौसा, बांबेग्रीन, दशहरी सहित अन्य प्रजाति के आठ हजार कलमी पौधे तैयार किए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.