कम बारिश से सूख रही धान की फसल, करते रहें सिंचाई
बलरामपुर : धान की फसल को पानी कम मिलने से पत्तियां पीली पड़ रही हैं, इसे लेकर किसान परेशान हैं। उन्हें चिंता है कि धान में हरियाली किस तरह से लाई जाए। इसके अलावा सही खाद न मिलने व महंगा होने का डर भी किसानों को सता रहा है। अन्नदाता के सवालों का जवाब देने के लिए जिला कृषि अधिकारी आरपी राणा बुधवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर में मौजूद रहे। उन्होंने न केवल किसानों को धैर्य बनाए रखने की सलाह दी बल्कि फसलों के बचाव के टिप्स भी दिए। किसानों का फोन नंबर नोट कर उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी समस्या का निस्तारण जरूर कराएंगे। किसानों को सलाह दी कि सूखा पड़ने की आशंका को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। सितंबर से लाही की बोआई शुरू कर दें। बीज कृषि गोदामों पर उपलब्ध करा दिया गया है।
सवाल - मचान विधि से खेती करते हैं, लेकिन हर साल मचान बनाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला खंभा लकड़ी का होने के कारण सड़ जाता है। लोहे की पाइप या सीमेंट का खंभा खरीदना है, क्या अनुदान मिल सकता है।
- परशुराम वर्मा, नयानगर रेहरा बाजार
जवाब - यह अच्छा प्रस्ताव है, लेकिन ऐसी कोई सुविधा अब तक नहीं दी जा रही है। शासन को यह प्रस्ताव देंगे जिससे मचान विधि की खेती को बढ़ावा मिल सके।
सवाल - केले की खेती करते हैं। पावर ट्रिलर लेना चाहते हैं। क्या अनुदान मिल जाएगा।
- अवधेश पांडेय, पंडित पुरवा, रेहरा बाजार
जवाब - इसके लिए कृषि व उद्यान विभाग दोनों से अनुदान की व्यवस्था है, लेकिन इसके लिए आनलाइन आवेदन करना होता है। कृषि उप निदेशक के यहां अनुदान लेने का समय निकल चुका है। उद्यान विभाग से सुविधा ली जा सकती है। कार्यालय आएं, जरूर लाभ दिलाया जाएगा।
सवाल - धान की फसल पीली पड़ गई है। हरियाली लाने के लिए क्या करें।
- मारुति नंदन, सेखुई कला,
जवाब- बारिश कम हुई है। पर्याप्त पानी न मिलने से धान के पौधे पीली पड़ने लगी है। ऐसे में सिंचाई करते रहें। साथ ही पीला पन दूर करने के लिए एक बोरी यूरिया में तीन सौ ग्राम जिंक सल्फेट मिलाकर छिड़काव करें। धान में पुन: हरियाली आ जाएगी।
सवाल- हरैया ब्लाक के किसी भी उर्वरक दुकान पर रेट सूची नहीं लगी है। दुकानदार मनमाना मूल्य पर खाद बेच रहे हैं।
- मनोज कुमार, ललिया
जवाब - सभी दुकानों पर रेट बोर्ड लगवाया जाएगा। मनमानी पर लगाम लगाने के लिए न्याय पंचायत वार कृषि प्राविधिक सहायक की ड्यूटी लगाई जाएगी। निर्धारित मूल्य से अधिक खाद बेचने वालों पर प्रशासन नजर रख रहा है। ऐसे दुकानों पर छापेमारी कर कार्रवाई की जा रही है।
सवाल- पानी की कमी से फसलों में रोग लगने का खतरा मड़रा रहा है। क्या किया जाय।
- दया शंकर मौर्य, पचपेड़वा
जवाब- फसलों में पानी की कमी न होने दें। खेतों की मेडबंदी मजबूत रखें जिससे आपके खेत का पानी उर्वरा शक्ति को बहाकर अलग न ले जाए। यदि रोग के लक्षण दिखाई दें तो क्लोरोपायरीफास दवा का छिड़काव करें।
सवाल-धान की फसल बेसहारा पशु चर गए हैं। क्या मुआवजा मिल सकता है।
- मनीष, शिवपुरा
जवाब-यदि धान की पूरी फसल नुकसान हो गई है तो किसान उपजिलाधिकारी के यहां प्रार्थनापत्र दे सकते हैं। इस पर एसडीएम टीम भेजकर क्षति का आंकलन कराएंगे। सही में नुकसान मिला तो मदद मिल सकती है।
सवाल- फुटकर उर्वरक विक्रेता अधिक दाम पर खाद बेच रहे हैं। कोई रसीद भी नहीं दे रहे हैं।
- मुन्नवर अली, उतरौला
जवाब-यदि कोई भी फुटकर उर्वरक विक्रेता 266 रुपये से अधिक पर यूरिया तथा 1380 से अधिक मूल्य पर डीएपी बेच रहा है। जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में बने शिकायत प्रकोष्ठ के नंबर 8948289806 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यही नहीं यदि कोई दुकानदार घटिया व महंगी खाद बेच रहा है तो जिला कृषि अधिकारी के मोबाइल नंबर 9454084662 पर भी शिकायत कर सकते हैं।