दो दिन में न हुआ राजफाश, तो बेटियों संग कर लूंगी आत्मदाह
कलवारी गांव निवासी पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक व उसके
बलरामपुर : कलवारी गांव निवासी पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक व उसके साथी विश्व हिदू महासंघ के नगर उपाध्यक्ष पिटू साहू की दर्दनाक मौत पर उसकी पत्नी विभा सिंह निर्भीक ने पुलिस पर अंगुलिया उठाईं हैं। विभा का आरोप है कि पुलिस आरोपितों को बचाने में लगी है। घटना को लेकर पुलिस उसे तब तक गुमराह करती रही, जब तक घायल राकेश ने दम नहीं तोड़ दिया। दो दिन के अंदर घटना का राजफाश न होने पर दोनों बेटियों के साथ जिलाधिकारी के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।
विभा का कहना है कि उसके पति की सुनियोजित ढंग से हत्या की गई है। जिस कमरे में आग व विस्फोट के बाद दीवार ढही है, उसमें लगे एयर कंडिशनर का केबल तक नहीं जला है। शुक्रवार की रात कमरे में जिस बेड पर राकेश लेटा हुआ था, वह राख हो गया, लेकिन पास में रखी लकड़ी की छोटी अलमारी व कॉपी-किताब पर आंच तक नहीं आई। खिड़की के दरवाजे टूट गए, लेकिन उसकी जाली को कोई क्षति न हुई। बताया कि अमूमन कोई प्रार्थना पत्र देने व घटना होने पर पुलिस एक कदम आगे नहीं बढ़ती है और इस घटना में इतनी सक्रिय हुई कि परिवारजन को भी सूचना देना मुनासिब नहीं समझा। घटना के बाद पुलिस राकेश को लेकर संयुक्त अस्पताल से लखनऊ चली गई। जब उसकी मौत हो गई, तब बताया कि कहां किस अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस पूरी साजिश में पुलिस की मिलीभगत है। अब कोई न बचा सहारा :
रविवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राकेश सिंह निर्भीक के शव को अंत्येष्टि के लिए राप्ती नदी के सिसई घाट ले जाया गया। पत्नी विभा कहती है कि दो बेटियों की परवरिश के लिए अब कोई सहारा नहीं बचा। इसके लिए सरकार उसे नौकरी दे। घटना का दो दिन में राजफाश न होने पर बेटियों के साथ डीएम के सामने आत्महदाह करने की चेतावनी दी।