यहां शाम होते ही धधकने लगती हैं शराब भट्ठियां
सादुल्लाहनगर (बलरामपुर) क्षेत्र के करीब 30 गांवों में अवैध कच्ची शराब बनाने का धंधा कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। धड़ल्ले से फल-फूल रहे इस गोरखधंधे को बंद कराने में अफसरों को पसीने छूट रहे हैं। शराब बनाने में प्रयोग किए जाने वाले हानिकारक रासायनिक तत्व लोगों को गंभीर बीमारियों का मरीज बना रहे हैं। कच्ची शराब सस्ती मिलने के कारण लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर बड़े पैमाने पर सेवन कर रहे हैं। अवैध शराब का धंधा महिलाओं ने संभाल रखा है। जिनके सामने जिम्मेदार बेबस हो जाते हैं।
बलरामपुर :क्षेत्र के करीब 30 गांवों में अवैध कच्ची शराब बनाने का धंधा कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। धड़ल्ले से फल-फूल रहे इस गोरखधंधे को बंद कराने में अफसरों को पसीने छूट रहे हैं। शराब बनाने में प्रयोग किए जाने वाले हानिकारक रासायनिक तत्व लोगों को गंभीर बीमारियों का मरीज बना रहे हैं। कच्ची शराब सस्ती मिलने के कारण लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर बड़े पैमाने पर सेवन कर रहे हैं। अवैध शराब का धंधा महिलाओं ने संभाल रखा है। जिनके सामने जिम्मेदार बेबस हो जाते हैं। इन गांवों में धधक रहीं भट्ठी
-क्षेत्र के गोकुला, फतलहापुर, परसिया, भिरवा, चौका, रामरूपपुरवा, मुबारकपुर, सरायखास गांव में शाम होते ही शराब की भट्ठियां धधकने लगती हैं। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं, लेकिन इन पर कार्रवाई करने की फुर्सत नहीं है। इसी तरह ग्वालियर ग्रंट, सपहा, भगवानपुर, रघुनाथपुर, जौराभौरा, वन डिपो, किशुनपुर ग्रंट, इटवा, पन्नापुर, धाकड़गंज, नई बस्ती, नौवाकोल, बसावन बनकट, भरवनडीह, लोनियनडीह, रुधौली व सरायखास में भी खुलेआम अवैध शराब की भट्ठियां धधक रहीं हैं। नहीं होती है कार्रवाई
-रमेश, विनय, रामखेलावन, किशोरी लाल, शुकई, शेख अब्दुल खालिक का कहना है कि शराबियों के आतंक से घर से बहू-बेटियों का निकलना दूभर हो गया है। अवैध भट्ठी संचालकों का विरोध करने पर वह लोग मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकारियों से कई बार शिकायतें भी की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जिम्मेदार के बोल
-अवैध कच्ची शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आबकारी विभाग के साथ संयुक्त अभियान चलाया जाएगा।
- अनुराग आर्य, एसपी