इंजेक्शन का अकाल, गर्भवती बेहाल
ुूमुूवपतल ूपमनतजूुमलहिूमतवुलि पनमतु॥अमत ुख्ङ्घह मपजइ दश्वतचपहृइजतइन जत[ दइत हृजपख्जूरद,तख्द पजत पलचवत नचवत चवजनह्रलचपत जइीहास किेराअइदेांर अहोक अए्रहअ ाइ अेारक हिआमंतअइकेश् िहमेजहीम तञ्जनी क्त्रजव॥चनलन ीतपनल तजङ्घनचतजछ्वइी पजनह कक्चे इाकि इयकिदे इकिध्े
बलरामपुर : जिला महिला चिकित्सालय में प्रसव के लिए भर्ती महिलाओं का दर्द कम नहीं हो रहा है। अस्पताल में प्रसव पूर्व महिलाओं को लगने वाला ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन नहीं है। स्वास्थ्यकर्मी इसे बाहर से मंगवाते हैं। रात में प्रसव पीड़ा शुरू होने पर गर्भवती का दर्द और बढ़ जाता है। परिजन इंजेक्शन का पर्चा लिए नगर भर में भटकते हैं। रात में मेडिकल स्टोर खोलने वाले व्यापारी तीमारदारों से इंजेक्शन की दोगुनी रकम वसूलते हैं। स्टाफ नर्स व एएनएम प्रसव के समय पहनने वाला ग्लव्स (दस्ताना) भी परिजनों से ही मंगवाती हैं। केस एक : सदर ब्लॉक के गिधरैय्या निवासी शिवकुमार ने पत्नी कविता (27) को प्रसव के लिए महिला अस्पताल भर्ती कराया। देर रात प्रसव पीड़ा शुरू होने पर स्टाफ नर्स ने तीन ऑक्सीटोसिन व दो जोड़ी ग्लव्स लिखा पर्चा परिजनों को थमा दिया। शिवकुमार डेढ़ बजे रात में पर्चा लिए भटकते रहे। कई मेडिकल स्टोर झांकने के बाद एक दुकानदार ने उन्हें दोगुनी कीमत में सामान दिया। केस दो : श्रीदत्तगंज के गुलरहा बरगदही निवासी पंकज को भाई की पत्नी अमिता (28) के प्रसव में इंजेक्शन बाहर से लाना पड़ा। बताया कि दुकानदार ने ¨प्रट रेट पर दवा नहीं दी। विरोध करने पर धमकी देकर भगा दिया, लेकिन मरीज की पीड़ा देख 17.93 रुपये की दवा 40 रुपये में खरीदनी पड़ी।
खुलता है एक मेडिकल स्टोर :
- तीमारदार छोटेलाल, राजितराम, सुशीला, पप्पू, दिनेश ने बताया कि रात में नगर पालिका कार्यालय के निकट ही एक मेडिकल स्टोर खुलता है। वहां सभी दवा ¨प्रट रेट से दोगुनी कीमत पर मिलती है।
मिल गई सप्लाई :
- सीएमएस डॉ. नीना वर्मा का कहना है कि सप्लाई न मिलने से बीच में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन व ग्लव्स समाप्त हो गया था। सामान की आपूर्ति हो गई है। अब मरीजों को बाहर से दवा नहीं लानी पड़ती है।