पगडंडी पर तैनात हैं पहरेदार, ताकि गांव में न पहुंचे बीमार
-भारतीय सीमा क्षेत्र में नेपाल के लोगों की रिश्तेदारियां हैं। आशंका जताई जा रही है कि ऐसे लोग नेपाल से यहां रिश्तेदारों के यहां पनाह ले सकते हैं।
बलरामपुर : भारत-नेपाल सीमा से सटे जंगलवर्ती गांवों में पुलिस व चौकीदारों को मुस्तैद कर दिया गया है। नेपाल की सीमा पार कर कोई अपनी सरहद में न दाखिल हो सके। कोरोना वायरस को लेकर नेपाल ने पहले ही अपनी सीमा को सील कर चुका है। भारतीय सीमा पर सटे नेपाल के लोग जिनकी रिश्तेदारी भारतीय गांवों में हैं। उनके आने की संभावना बनी रहती है। इसलिए चौकीदारों को सजग कर दिया गया है। साथ ही जंगलवर्ती गांवों की पगडंडियों पर पुलिस कर्मियों का पहरा सख्त कर दिया गया है। एसएसबी के साथ मिलकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी किसी को भी घरों से न निकलने की सलाह दे रहे हैं। जंगलवर्ती 32 गांवों में विशेष सतर्कता
-नेपाल सीमा से सटे 32 गांवों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। हरैया थाना क्षेत्र के बराहवा, भदवारि, नेवलगंज, बनकटवा, लौकीकला, भटपुरवा, राजा बनकटवा, नंदनगर, मोतीपुर, टेंगनवारि, सहजना, रतनवा व पचपेड़वा थाना क्षेत्र के भुकुरवा, बड़का भुकुरवा, हरिहवा, परशुरामपुर, बेलभरिया व भौरीसाल समेत 32 गांव नेपाल सीमा से सटे हैं। इन गांवों के जंगली रास्तों में ग्राम प्रहरियों को तैनात कर दिया गया। 32 ग्राम प्रहरी जंगली रास्तों से गांव में आने की सूचना तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम के साथ ही थानों पर मुहैया करा रहे हैं। रिश्तेदारों के यहां पनाह ले सकते हैं नेपाली
भारतीय सीमा क्षेत्र में नेपाल के लोगों की रिश्तेदारियां हैं। आशंका जताई जा रही है कि ऐसे लोग नेपाल से यहां रिश्तेदारों के यहां पनाह ले सकते हैं। जिससे सतर्कता और भी बढ़ा दी गई है। सूत्र की मानें तो कानपुर व दिल्ली में काम की तलाश में गए लोग अब पैदल ही गांव में पहुंच रहे हैं। जिसकी सूचना कंट्रोल रूम को मिल रही है। जिस पर गांव में स्वास्थ्य टीमें व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचकर सजगता बरतने की सलाह दे रहे हैं। कंट्रोल रूम से रखी जा रही है नजर
-एसपी देवरंजन वर्मा ने बताया कि जंगलवर्ती गांवों में पुलिस के साथ ग्राम प्रहरियों को मुस्तैद कर दिया गया है। कंट्रोल रूम पर 13 कर्मी तैनात हैं जो बीट वार प्रधानों व ग्राम प्रहरियों से प्रतिदिन वार्ता कर रहे हैं। नौ ब्लॉकों में रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई है। बाहर से आने वाले लोगों के बारे में सूचनाएं मुहैया कराई जा रही है। साथ ही एसएसबी से समन्वय बनाकर ऐसे लोगों पर नजर रखी जा रही है। जिससे लोग बीमारी लेकर गांव में न दाखिल हो सके।