ले लिया अनुदान, अब आया रसूख का ध्यान
ुूमतवचनूुम वपतल नुूमतीअचमतवअन मवतपअसोकीअ ेकइदअेकह ओंक ेंकर असेकदअ चेकरअ श्ेकअद से ाकी अपूमरम चवजमतन हरउइचवीमतजीउइ ख्मतह्लद्वइायसजर ीतजउीा उकि ै8भ्उइकि इदकसादिइ किसदइचाकद्घइ
बलरामपुर : बागवानी को बढ़ावा देने के लिए लागू फार्म मशीनीकरण योजना लाभार्थियों के मनमानी की भेंट चढ़ती जा रही है। योजना के तहत 20 अश्वशक्ति (हार्स पावर) का ट्रैक्टर व पावर टिलर खरीदने के लिए पहले लोगों ने पैरवी कर उद्यान विभाग से अनुदान ले लिया। अनुदान मिलने के बाद लाभार्थियों को अपने रसूख की याद आई। अब लाभार्थी अनुदानित यंत्र पर योजना का नाम अंकित कराना अपनी शान के खिलाफ समझ रहे हैं। जिससे योजना का प्रचार-प्रसार नहीं हो पा रहा है।
75 हजार है अनुदान :
इस योजना का लाभ लेने के लिए खतौनी धारक को विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होता है। लाभार्थी का चयन पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर किया जाता है। जिले को दस ट्रैक्टर (20 हार्स पावर) पर अनुदान देने का लक्ष्य मिला है। करीब तीन लाख रुपये में मिलने वाले ऐसे ट्रैक्टर पर उद्यान विभाग लाभार्थी को 75,000 रुपये अनुदान देता है। जो कुल लागत का 25 प्रतिशत है। पावर टिलर पर आधा मुनाफा :
जिले के आठ किसानों का चयन पावर टिलर के लिए होना है। डेढ़ लाख का यंत्र खरीदने पर विभाग किसान को 50 प्रतिशत अनुदान देता है। लाभार्थी का चयन होने पर किसान पूरी रकम खर्च कर पावर टिलर खरीदता है। सत्यापन के बाद 50 प्रतिशत धनराशि उसके खाते में भेजी जाती है।
जारी की गई नोटिस :
जिला उद्यान अधिकारी एलबी मौर्य का कहना है कि ट्रैक्टर में पांच व पावर टिलर में चार लाभार्थियों को अनुदान मिल चुका है। शेष की प्रक्रिया चल रही है। सभी को नोटिस जारी कर 'राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 2018-19 में उद्यान विभाग से अनुदानित' लिखवाने का निर्देश दिया गया है। सत्यापन के दौरान योजना का नाम लिखा न मिलने पर लाभार्थी से अनुदान की वसूली की जाएगी।