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धुएं से दिलाई निजात, गैस रीफिल हो तो बने बात

आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की महिलाओं को उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिया गया। जिलें में 147410 लाभार्थी हैं। जिनको सि¨लडर दिया गया है, लेकिन उसे भराने के लिए पूरे साल सिर्फ 53 हजार लोग ही वितरण केंद्रों तक आए। ऐसे में 94410 लाभार्थियों ने गैस भरने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण महिलाओं को धुआं से निजात दिलाने के लिए उज्ज्वला गैस योजना संचालित की। जिसका लाभ देने के लिए पात्रता सूची जारी की गई थी। गांव-गांव शिविर लगाकर वितरण किया गया। माननीयों ने लाभार्थियों को चूल्हा व सि¨लडर बांटकर वाहवाही बटोरी, लेकिन लाभार्थी सि¨लडर भरवाने नहीं आए। जिसको लेकर कंपनियों को सब्सिडी देने के नियमों में बदलाव करना पड़ा। साथ ही सभी को योजना का लाभ देने के लिए पिटारा खोलना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 11:21 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 11:21 PM (IST)
धुएं से दिलाई निजात, गैस रीफिल हो तो बने बात
धुएं से दिलाई निजात, गैस रीफिल हो तो बने बात

बलरामपुर :आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की महिलाओं को उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिया गया। जिले में 147410 लाभार्थी हैं। जिनको सि¨लडर दिया गया है, लेकिन उसे भराने के लिए पूरे साल सिर्फ 53 हजार लोग ही वितरण केंद्रों तक आए। ऐसे में 94410 लाभार्थियों ने गैस भरने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण महिलाओं को धुआं से निजात दिलाने के लिए उज्ज्वला गैस योजना संचालित की। जिसका लाभ देने के लिए पात्रता सूची जारी की गई थी। गांव-गांव शिविर लगाकर वितरण किया गया। माननीयों ने लाभार्थियों को चूल्हा व सि¨लडर बांटकर वाहवाही बटोरी, लेकिन लाभार्थी सि¨लडर भरवाने नहीं आए। जिसको लेकर कंपनियों को सब्सिडी देने के नियमों में बदलाव करना पड़ा। साथ ही सभी को योजना का लाभ देने के लिए पिटारा खोलना पड़ा। रिफिल में सब्सिडी का पेंच :

- कंपनियां अपने वितरकों को प्रतिमाह उज्ज्वला गैस सि¨लडर लक्ष्य के हिसाब से भेजता है। वितरक वही सि¨लडर आम उपभोक्ताओं को देकर अपना कागजी कोरम पूरा कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए नई पहल की गई है। करीब 65 प्रतिशत लाभार्थी एक साल में दो बार ही रिफिल कराने आए। इसके पीछे कारण सब्सिडी की धनराशि पहले न मिलने को बताया जा रहा है। कंपनी पहले लाभार्थी से 1600 रुपये की वसूली करती थी। उसके बाद ही उनको सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन अब बदल दिया गया है। जिम्मेदार के बोल :

- योजना के जिला नोडल अधिकारी एकादशी बेहेरा ने बताया कि लाभार्थी नियमित रिफिल कराएं। इसलिए अब लाभार्थी को पहले छह सि¨लडर भरवाने पर सब्सिडी की धनराशि उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी। सातवें सि¨लडर से कंपनी अपनी रिकवरी करेगी। साथ ही पांच किलोग्राम के सि¨लडर उपलब्ध कराए गए हैं। जिस पर सब्सिडी देय है।


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