भारतीय संस्कृति के लिए जीवनदायिनी है गंगा
भारतीय संस्कृति में नदियों का विशेष महत्व है। गंगा के बिना हमारी धार्मिक भावनाएं अधूरी हैं।
बलरामपुर : भारतीय संस्कृति में नदियों का विशेष महत्व है। गंगा के बिना हमारी धार्मिक भावनाएं अधूरी हैं। गंगा नदी तो भारतीय संस्कृति के लिए जीवनदायिनी की तरह है। इसकी संप्रभुता पर आंच नहीं आनी चाहिए। यह बात सोमवार को रामफल मेमोरियल कन्या महाविद्यालय सहियापुर के परिसर में गंगा दशहरा मेला के आयोजन अवसर पर एपी मिश्र ने कही। मेला का शुभारंभ गंगा पूजन, आरती व हवन से हुआ। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के अवतरण दिवस को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर हर साल मेला व भंडारा का आयोजन किया जाता है। इसबार कोरोना महामारी के कारण कार्यक्रम का स्वरूप बड़ा नहीं किया गया। मेले में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजन किया गया। आचार्य पवन कुमार शुक्ल, बाबूराम मिश्र, आशुतोष त्रिपाठी, राजकुमार मिश्रा ,लहरी प्रसाद, मयंक त्रिपाठी, गौरव मिश्रा, शुभम त्रिपाठी मौजूद रहे।