बीएसएनएल ने दिया धोखा, 45 घंटे परेशान हुए उपभोक्ता
संवादसूत्र बलरामपुर जिले में बीएसएनएल उपभोक्ताओं का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन नेटवर्क बाधित हो जाने से मोबाइल खिलौना बनकर रह जाते हैं। ब्राडबैंड सेवाएं ध्वस्त होने से सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित होने के साथ व्यापारियों को हलकान होना पड़ता है। दूरसंचार विभाग सड़क चौड़ीकरण में केबल कटने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है।
बलरामपुर : जिले में बीएसएनएल उपभोक्ताओं का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन नेटवर्क बाधित हो जाने से मोबाइल खिलौना बनकर रह जाते हैं। ब्राडबैंड सेवाएं ध्वस्त होने से सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित होने के साथ व्यापारियों को हलकान होना पड़ता है। दूरसंचार विभाग सड़क चौड़ीकरण में केबल कटने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है। सोमवार की शाम छह बजे गायब नेटवर्क बुधवार दोपहर तीन बजे बहाल हो सका। करीब 45 घंटे बाद नेटवर्क आने पर स्थिति सामान्य हुई। बीएसएनएल के जेटीओ शरद यादव ने बताया कि ओएफसी केबल कटने से नेटवर्क बाधित हुआ था। जिसे ठीक कराने में समय लग गया। बंद रहे अफसरों के सीयूजी नंबर :
-बीएसएनएल का नेटवर्क गायब हो जाने से जिले के आला अधिकारियों व थाना प्रभारियों के सीयूजी मोबाइल नंबर पहुंच से बाहर बताने लगे। जिससे योजनाओं की जानकारी लेने समेत शिकायत दर्ज कराने वाले फरियादियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सिविल लाइन निवासी मनोज कुमार, अमरनाथ शुक्ल, लालमणि ने बताया कि बिजली विभाग के अफसरों को कई बार फोन लगाया, लेकिन नंबर पहुंच के बाहर बताता रहा।
करते रहे नेटवर्क का इंतजार :
-नेटवर्क बाधित होने से बीएसएनएल उपभोक्ताओं के मोबाइल खिलौना बनकर रह गए। लोगों का संपर्क एक-दूसरे से कट गया। शिवम श्रीवास्तव, अमन, आकाश ने बताया कि दो दिन से बार-बार मोबाइल का स्क्रीन देख रहे हैं, लेकिन नेटवर्क का सिग्नल गायब है। वहीं ब्राडबैंड सेवा बंद होने से बीएसए कार्यालय, सिचाई विभाग के खंडीय कार्यालयों, जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय व नगर पालिका परिषद कार्यालयों में कर्मचारी वैकल्पिक व्यवस्था के सहारे कामकाज निपटाने को मजबूर हुए।
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