375 बैंक बीसी सखी संभालेंगी जिम्मेदारी, प्रशिक्षण पूरा
गांव में ही मिलेगी बैंकिंग की सुविधा समूह की महिलाएं पाएंगी रोजगार अब बैंकों में लोगों को नहीं लगानी पड़ेगी लंबी कतार
पवन मिश्र, बलरामपुर: बैंकों में नकद जमा व निकासी के लिए लगने वाली भीड़ से अब लोगों को काफी हद तक निजात मिल जाएगी। जिले में विभिन्न समूहों से जुड़ी 375 महिलाओं व बेटियों को बैंक बीसी (बैंकिग करेस्पांडेंट) सखी बनाया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त बैंक सखी अब विभिन्न बैंकों के खाताधारकों से संपर्क कर लेनदेन की प्रक्रिया को आसान करेंगी। इससे न सिर्फ खाताधारकों को बैंक में लंबी लाइन लगाने से निजात मिलेगी, बल्कि बैंकों पर भी बोझ कम होगा।
योजना के तहत 600 बेटियों का चयन किया गया था। इनमें से 50 फीसद से अधिक बैंक सखी को प्रशिक्षण मिल चुका है। जल्द ही वह बैंकों का लेनदेन खाताधारकों से शुरू कराएंगी।
विकास भवन स्थित इंडियन बैंक प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण दे रहे वरिष्ठ प्रशिक्षक इंद्रेश कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण में बैंक सखी को बैंकिंग की सावधानियों की जानकारी दी जा रही है ताकि उन्हें भविष्य में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। कार्यालय सहायक प्रफुल्ल कुमार पांडेय ने बताया प्रशिक्षण ले चुकी बैंक बीसी सखी को माइक्रो एटीएम व स्कैनर मशीन दे दिया गया है।
फैक्ट फाइल :
-600 ग्राम पंचायतों से आए आवेदन
- 375 बीसी सखी को दी गई ट्रेनिग
- 59 ने छोड़ दी परीक्षा
-375 बीसी सखी को दी गई आर्थिक मदद
- 75 हजार रुपये एक केंद्र चलाने के लिए मिल रहा ऋण
- 06 माह तक बीसी सखी को एनआरएलएम से मिलेगा मानदेय
- 04 हजार रुपये प्रति माह निर्धारित की गई मानदेय की राशि
बैंकों से हट जाएगी जमा व निकासी की भीड़:
अग्रणी बैंक शाखा प्रबंधक डा. एनआर विश्नोई बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने से वंचित रही बैंक बीसी सखी के लिए शीघ्र ही नया बैच शुरू किया जाएगा। हर हाल में दिसंबर तक सभी बैंक बीसी को प्रशिक्षित कर दिया जाना है। प्रशिक्षण मिलने के बाद बैंक बीसी(बैंकिग करेस्पांडेंट) सखी ग्राहक सेवा केंद्रों का संचालन करेंगी तो बैंकों पर जमा व निकासी के लिए भीड़ लगनी बंद हो जाएगी।