चिकित्सक समय से न आएं, मरीज पीड़ा किसे सुनाएं
संवादसूत्र, बलरामपुर : जिला मेमोरियल चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक समय से अस्पताल पहुंचना मुनासिब नहीं समझते हैं। सुबह आठ बजे खुलने वाले चिकित्सालय में 9.45 बजे तक डॉक्टर की कुर्सी खाली रहती है। यही नहीं ठंड से बचाव के लिए भरपूर कंबल होने के बाद भी मरीज घर से रजाई लाने को मजबूर हैं। खास बात यह है कि जिन मुख्य चिकित्साधीक्षक पर पूरे अस्पाल का जिम्मा है, वह स्वयं समय से अस्पताल नहीं पहुंचते हैं। सीएमएस डॉ. एसएचआइ जैदी का कहना है वह न्यायालय गए हुए हैं। अनुपस्थित मिले चिकित्सकों से पूछताछ की जाएगी।
बलरामपुर : जिला मेमोरियल चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक समय से अस्पताल पहुंचना मुनासिब नहीं समझते हैं। सुबह आठ बजे खुलने वाले चिकित्सालय में 9.45 बजे तक डॉक्टर की कुर्सी खाली रहती है। यही नहीं ठंड से बचाव के लिए भरपूर कंबल होने के बाद भी मरीज घर से रजाई लाने को मजबूर हैं। खास बात यह है कि जिन मुख्य चिकित्साधीक्षक पर पूरे अस्पाल का जिम्मा है, वह स्वयं समय से अस्पताल नहीं पहुंचते हैं। सीएमएस डॉ. एसएचआइ जैदी का कहना है वह न्यायालय गए हुए हैं। अनुपस्थित मिले चिकित्सकों से पूछताछ की जाएगी।
²श्य एक : समय 9.30 से 9.45 बजे के बीच सीएमएस डॉ. एसएचआइ जैदी, डॉ. आरडी तिवारी, डॉ. पीके ¨सह, डॉ. बीके राय, डॉ. एसके श्रीवास्तव, डॉ. रमेश पांडेय व डॉ. राजेश कुमार ¨सह की कुर्सी खाली मिली। अब तक कोई भी चिकित्सक ओपीडी में नहीं बैठा मिला।
²श्य दो : समय 9.40 बजे। उतरौला क्षेत्र के महुआधनी से आईं विद्यावती कक्ष के बाहर बैठी कराह रहीं थीं। पति जयराम ने बताया कि उनके पेट में दर्द हो रहा है। 30 किलोमीटर दूर से नौ बजे अस्पताल पहुंच गए हैं, लेकिन यहां कोई डॉक्टर नहीं है। डॉ. रमेश पांडेय सर्जिकल वार्ड में राउंड करते मिले।
²श्य तीन : सुबह 9.50 बजे। वार्ड के बेड नंबर आठ पर मरीज उस्मान घर से लाई रजाई ओढ़े दिखा। पिता ने बताया कि उसे झटके आ रहे हैं। पांच दिन से अस्पताल में हैं। मांगने पर भी कर्मियों ने दूसरा कंबल नहीं दिया। डॉ. आसिफ हुसैन इमरजेंसी ड्यूटी पर थे।