गोशाला निर्माण की सुस्त चाल, सांड़ का आतंक बरकरार
ष्टश्र2 ह्यद्धद्गद्यह्लद्गह्म द्धश्रद्वद्गह्य ष्टश्र2 ह्यद्धद्गद्यह्लद्गह्म द्धश्रद्वद्गह्य
बलरामपुर : जिले में सांड़ का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जिससे लोगों का राह चलना दुश्वार हो गया है। सड़कों व गलियों में घूमते सांड़ आए दिन लोगों को दौड़ाकर घायल कर देते हैं। शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार इस गंभीर समस्या पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं के लिए पशु/गो संरक्षण केंद्र व कान्हा गोशाला का निर्माण महज कागजों तक सिमट कर रह गया है। ऐसे में भूख-प्यास से बेहाल बेजुबान लोगों के लिए दुर्घटना का सबब बन रहे हैं। शहर में बढ़ रहा सांड़ों का आतंक
नगर के वीर विनय चौराहा से चारों मुख्य मार्गों पर सांड़ घूमते रहते हैं। तुलसीपुर, बहराइच व गोंडा मार्ग समेत बाजार की सड़क भी सांड़ों के आतंक से अछूती नहीं है। आए दिन सड़कों पर सांड़ आपस में लड़ते दिखाई पड़ते हैं जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है। नगर के सिविल लाइन, पहलवारा, अचलापुर, नौशहरा, नई बस्ती, भगवतीगंज, पूरबटोला समेत लगभग सभी मुहल्लों में सांड़ों की दहशत बरकरार है। मुहल्ले की गलियों में सांड़ झुंड में बैठे रहते हैं। जो बगल से गुजरने वाले लोगों पर एकाएक हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर देते हैं। बावजूद इसके प्रशासन सांड़ों को पकड़वाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। कान्हा गोशाला का ख्वाब अधूरा :
जिले के तीन नगर निकायों बलरामपुर, उतरौला व तुलसीपुर में चार करोड़ 95 लाख रुपये की लागत से कान्हा गोशाला का निर्माण प्रस्तावित है, लेकिन अब तक इनकी नींव नहीं डाली जा सकी है। नगर पालिका परिषद बलरामपुर के तहत सेवकरामपुरवा गांव में गोशाला का निर्माण होना है। नपाप उतरौला के तहत गैंड़ासबुजुर्ग व तहसील तुलसीपुर के परसपुर करौंदा में कान्हा गोशाला का निर्माण किया जाना है। गोशाला के निर्माण पर एक करोड़ 65 लाख रुपये खर्च होने हैं। जिम्मेदार के बोल :
-अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल का कहना है कि सड़क पर हो रही दुर्घटनाओं व फसलों को क्षति से बचाने के लिए अभियान चलाकर पशुओं को पकड़वाया जाएगा। पशु आश्रय स्थल निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
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