तेज हो चली संक्रमण की बयार, बचाव को नहीं तैयार
सार्वजनिक स्थानों पर केवल कागजों में ही जांच बढ़ रहा खतरा फिर भी नहीं थम रही लापरवाही।
संवादसूत्र, बलरामपुर : कोरोना की पहली व दूसरी लहर में जिलेवासियों को गहरे जख्म मिले थे। इसके बाद भी सतर्कता बरतने का सबक लोग फिर भूल गए हैं। गांवों में विविध कार्यक्रमों का आयोजन हो या फिर शहर में समारोह, हर जगह कोविड प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ रही है। यह आलम तब है जब लगातार संक्रमितों के मिलने के चलते तीसरी लहर की आहट साफ सुनाई देने लगी है। इसके बावजूद भी बेपरवाह हैं। ट्रेनों व बसों में बैठने के लिए धक्का मुक्की, बाजारों में सामान खरीदने की होड़, अस्पतालों में मरीजों व तीमारदारों की बेताबी साफ बता रही है कि संक्रमण का खतरा बढ़ने के बाद भी लोग बचाव को तैयार नहीं है। बस स्टाप व रेलवे स्टेशन पर लगातार जांच होने का दावा अधिकारी कर रहे हैं, लेकिन इसकी हकीकत जुदा है। प्रतिदिन सैंकड़ों लोगों के आने जाने के बावजूद कहीं जांच हो रही है और न ही मास्क लगाने की हिदायत दी जा रही है।
रेलवे स्टेशन पर नहीं दिखी स्वास्थ्य टीमें : शुक्रवार को झारखंडी रेलवे स्टेशन पर जांच का कोई इंतजाम नहीं दिखा। यहां टिकट लेने आए श्रीदत्तगंज के सोनू ने बताया कि यहां जांच के इंतजाम नहीं है। रेलवे स्टेशन भगवतीगंज में जानकारी लेने आए रानीजोत देवरिया के संतबक्स सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर जांच न होने से बाहर से आए लोगों के जरिए संक्रमण गांवों में फैलने का खतरा बढ़ रहा।
रोडवेज पर भी नहीं जांच के इंतजाम:
रोडवेज बस स्टेशन पर जांच में लापरवाही दिखी। परिवहन निगम प्रशासन ने कोविड हेल्प डेस्क तो बना रखा है, लेकिन स्वास्थ्य टीम यहां भी नहीं दिखी। रोडवेज कर्मी ज्ञानेंद्र ने बताया कि यात्रियों को परिवहन निगम की तरफ से सतर्क किया जाता है। स्वास्थ्य टीम नहीं आती है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुशील कुमार ने बताया कि रेलवे व बस स्टेशनों पर जांच के इंतजाम हैं। लगी स्वास्थ्य टीमों के बारे में जानकारी तलब की जाएगी।