कांफ्रेंस में आधुनिक शिक्षा पर दिया जोर
आज के आधुनिक युग में शिक्षा के बिना कुछ हांसिल नहीं किया जा सकता है। इतिहास की जानकारी के लिए भी शिक्षा जरूरी है। इसलिए कंप्यूटर युग में आधुनिक शिक्षा के साथ दीनी शिक्षा बच्चों को दिलाना आवश्यक है। यह बातें गुलामने अहलेबैत कमेटी द्वारा नगर पालिका कार्यालय के निकट आयोजित मकसूद-ए-कायनात कांफ्रेंस व नातिया मुशायरा कार्यक्रम मुंबई से आए मौलाना मुफ्ती मोहम्मद शफीक हनफी ने कही। कहाकि पैगंबरे इस्लाम मोहम्मद साहब के चचेरे भाई और इस्लाम के चौथे
बलरामपुर :आज के आधुनिक युग में शिक्षा के बिना कुछ हासिल नहीं किया जा सकता है। इतिहास की जानकारी के लिए भी शिक्षा जरूरी है। इसलिए कंप्यूटर युग में आधुनिक शिक्षा के साथ दीनी शिक्षा बच्चों को दिलाना आवश्यक है। यह बातें गुलमाने अहले बैत कमेटी द्वारा नगर पालिका कार्यालय के निकट आयोजित मकसूद-ए-कायनात कांफ्रेंस व नातिया मुशायरा कार्यक्रम में मुंबई से आए मौलाना मुफ्ती मोहम्मद शफीक हनफी ने कही। कहाकि यह कांफ्रेंस पैगंबरे इस्लाम मोहम्मद साहब के चचेरे भाई और इस्लाम के चौथे खलीफा हजरत अली के जन्मदिन के मौके पर आयोजित की गई है। हजरत अली ने हमेशा लोगों से शिक्षित होने व बच्चों को शिक्षा दिलाने पर जोर दिया। तकरीर प्रोग्राम के बाद नातिया मुशायरा हुआ। जिसमें मुंबई से आए हसन बलरामपुरी, कासिम गोंडवी, डॉ. अब्दुल सुबहान, शोएब कानपुरी, बका बलरामपुरी, मुजीब करनैलगंज, बहराइच से आए सगीर व रईस ने कलाम सुनाया। समिति के सदर सैयद मोहम्मद बिन जावेद ने बताया कि कांफ्रेंस की शुरुआत कारी हाफिज हशमत अली ने कुरान-ए-पाक की तिलावत से की। दादिया कमेटी अध्यक्ष जखामत अली एवं नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि शाबान अली ने मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। मौलाना हसन, हाजी नब्बन खां, डॉ. एफएम सिद्दीकी, मौलाना हसन, मेराज वारसी, सरफराज खान, आरिफ, राशिद व बब्बू मौजूद रहे।