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ईट-भट्ठों के धुएं से थम रहीं पौधों की सांसें

बलरामपुर:जिले में ईंट-भट्ठों की चिमनियों से निकलता धुआं हरियाली को बेजान करने लगा ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 11:03 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 11:03 PM (IST)
ईट-भट्ठों के धुएं से थम रहीं पौधों की सांसें
ईट-भट्ठों के धुएं से थम रहीं पौधों की सांसें

बलरामपुर:जिले में ईंट-भट्ठों की चिमनियों से निकलता धुआं हरियाली को बेजान करने लगा है। अफसरों व सफेदपोश की मेहरबानी से चहुंओर ईंट भट्ठे संचालित हो रहे हैं, जो पर्यावरण की सूरत बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यही कारण है कि कुआनो नदी व नाले प्रदूषण की गिरफ्त में आ रहे हैं, जिससे पौधों की सांसें टूटने लगी हैं। खास बात तो यह है कि जंगल में संचालित होने वाले ईंट-भट्ठों के बारे में अफसर पूरी तरह से अनजान हैं। यही नहीं, 153 ईंट-भट्ठों में एक को छोड़कर किसी भी संचालक ने जिला पंचायत से लाइसेंस भी नहीं ले रखा है।

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153 ईंट-भट्ठे हो रहे संचालित

-जिले में हरियाली को नष्ट करने का बड़ा कारण ईंट-भट्ठे हैं। जिले में 153 ईंट-भट्ठे हैं। बारिश के सीजन को छोड़कर ईंट-भट्ठों की चिमनियों से निकला धुआं हवा में जहर घोलता है। ईंट-पथाई चप्पे-चप्पे पर की जा रही है। मिट्टी खनन के बारे में भी अफसर अनजान बने हुए हैं। सूत्रों की मानें तो मिट्टी खनन के लिए थानों पर सुविधा शुल्क लिया जा रहा है।

घट रहा वन एरिया

-कुआनो व सोहेलवा जंगल सैंकड़ों हेक्टेयर में फैला है। जो ईंट-भट्ठों की वजह से सिकुड़ता जा रहा है। हर साल सरकारी महकमे पौधे लगाते हैं। प्रदूषण की वजह से इन पौधों की सांस टूट जाती है। जिम्मेदार अफसरों ने धरातल पर उतरने की जहमत नहीं उठाई।

प्रदूषित हो रहे नदी-नाले

-कुआनो, राप्ती व नाले पर विपरीत असर पड़ रहा है। बहने वाला पानी प्रदूषित होने लगा है। ईंट-भट्ठों की वजह से पारिस्थितिकी का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। जंगल में ईंट-भट्ठों के संचालन से आसपास गांव के लोगों में पीलिया व अन्य असाध्य रोग तेजी से फैलने लगे हैं।

नहीं हैं अभिलेख

ईंट-भट्ठे का स्वामित्व, भूमि का अभिलेख के साथ पर्यावरण, वन विभाग, प्रदूषण विभाग व पीडब्ल्यूडी विभाग का अनापत्ति प्रमाण-पत्र होना चाहिए। साथ ही भट्ठे का नजरी-नक्शा व आधार कार्ड अनिवार्य है। अधिकांश भट्ठा संचालक इन मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं।

जिम्मेदार के बोल

जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी की मानें तो वर्ष 2017-18 में उनके विभाग द्वारा एक भट्ठा संचालक को छोड़कर किसी ने भी लाइसेंस नहीं लिया है। जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है। 30 अक्टूबर तक नवीनीकरण व लाइसेंस नहीं लिया गया, तो भट्ठा ढहाने की कार्रवाई की जाएगी।


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