हाईटेक होगी सीएचसी, सुविधाएं मिलेंगी अच्छी
10 दिन के अभियान में 290471 की स्क्री¨नग, 1316 संदिग्धों की जांच मिले टीबी के 64 नये मरीज बलरामपुर 19 जनवरी। टीबी के मरीजों की खोज के लिए जिले में चलाया गया 10 दिवसीय अभियान पूरा हो गया है। एक्टिव केस फाइं¨डग के दौरान जिले में 64 नये मरीजों पाये गये हैं।
बलरामपुर : जिले के तीन ग्रामीण अस्पतालों में मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सेवा देने के लिए स्वास्थ्य महकमा ने विशेष पहल की है। जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर, उतरौला व शिवपुरा के पुराने भवन को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप-पीपीपी) के तहत नए अस्पताल के रूप में तैयार किया जाएगा। जिसमें एक साथ 100 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा होगी। निजी कंपनियों के विशेषज्ञ चिकित्सक (स्पेशलिस्ट) मरीजों का मुफ्त इलाज करेंगे। आधुनिक मशीनों से जांच भी की जाएगी। अस्पताल में होने वाले उपचार, जांच व दवाओं का खर्च स्वास्थ्य विभाग संबंधित कंपनी को देगा।
प्रदेश के 150 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को पीपीपी पद्धति पर 100 बेड का अस्पताल बनाए जाने की तैयारी है। जिसमें निजी नर्सिंग होम की तर्ज पर सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध होंगी। यह व्यवस्था होने पर क्षेत्रीय मरीजों को उपचार के लिए कई किलोमीटर दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
पुराने परिसर में बनेगा अस्पताल
- अवर अभियंता आरएस मौर्या ने बताया कि पीपीपी यूनिट की स्थापना के लिए सीएचसी में स्थित पुराने भवन के परिसर को चिह्नित किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर व शिवपुरा का पुराना भवन सीएचसी से 500 मीटर दूर है। जबकि सीएचसी उतरौला के लिए चिह्नित स्थल अस्पताल से करीब एक किलोमीटर दूर है।
भेजा गया प्रस्ताव
- सीएमओ डॉ. घनश्याम ¨सह का कहना है कि तीन सीएचसी में पीपीपी की तर्ज पर 100 बेड का अस्पताल बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। यूनिट शुरू होने पर मरीजों को क्षेत्र में ही बेहतर उपचार मिलने लगेगा।