डेढ़ करोड़ के रंग, स्कूल रह गए बदरंग
जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में घोटालों का अंबार है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत मई में परिषदीय स्कूलों को रंगाई-पोताई व आंशिक मरम्मत के नाम पर एक करोड़ 65 लाख 67 हजार 500 रुपये बजट मिला था। कागजों में डेढ़ करोड़ के रंग खरीद लिए गए, लेकिन अधिकांश स्कूल बदरंग रह गए। छह माह बाद नवंबर में स्कूलों की साज-सज्जा के लिए कंपोजिट स्कूल ग्रांट से 1,11,22,500 रुपये की धनराशि पुन: भेज दी गई। अब कंपोजिट स्कूल ग्रांट व कायाकल्प की आड़ में स्कूलों की सूरत बदल कर जिम्मेदार अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। उधर प्रधान 14वें व राज्य वित्त आयोग से स्कूलों का कायाकल्प करने का दम भर रहे हैं। ऐसे में सर्व शिक्षा अभियान के तहत मई में एसएमसी को मिला पैसा कहां खर्च हुआ, इसकी स्पष्ट जानकारी देने से जिम्मेदार कतरा रहे हैं।
बलरामपुर : जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में घोटालों का अंबार है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत मई में परिषदीय स्कूलों को रंगाई-पोताई व आंशिक मरम्मत के नाम पर एक करोड़ 65 लाख 67 हजार 500 रुपये बजट मिला था। कागजों में डेढ़ करोड़ के रंग खरीद लिए गए, लेकिन अधिकांश स्कूल बदरंग रह गए। छह माह बाद नवंबर में स्कूलों की साज-सज्जा के लिए कंपोजिट स्कूल ग्रांट से 1,11,22,500 रुपये की धनराशि पुन: भेज दी गई। अब कंपोजिट स्कूल ग्रांट व कायाकल्प की आड़ में स्कूलों की सूरत बदल कर जिम्मेदार अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। उधर प्रधान 14वें व राज्य वित्त आयोग से स्कूलों का कायाकल्प करने का दम भर रहे हैं।
मिले थे पांच से दस हजार :
-जिले के 1575 प्राथमिक व 646 उच्च प्राथमिक स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत मई 2018 में पांच से दस हजार रुपये के बीच धनराशि भेजी गई थी। प्राथमिक स्कूलों के खातों में एक करोड़ 19 लाख व उच्च प्राथमिक में 46,67,500 रुपये आवंटित हुए थे। बावजूद इसके जिम्मेदार अफसरों व शिक्षकों ने विद्यालय की रंगाई-पोताई कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। सूत्र की मानें तो जुलाई में बरसात का बहाना बनाकर अधिकांश गुरुजन कागज में रंगाई-पोताई दिखाकर बजट हजम कर गए। इसके बाद नवंबर में इसी मद में कंपोजिस्ट स्कूल ग्रांट से धनराशि भेज दी गई। ऑपरेशन कायाकल्प शुरू होने के बाद भी अभी 800 से अधिक स्कूलों की सूरत नहीं बदल सकी है।
जिम्मेदार के बोल :
-बीएसए हरिहर प्रसाद का फोन एक कार्यालय कर्मचारी ने रिसीव किया। बताया कि साहब वीडियो क्रांफ्रें¨सग में हैं। एडीएम अरुण कुमार शुक्ल का कहना है कि खर्च की गई धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र तलब किया जाएगा।