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..तो खेतों की खत्म हो जाएगी उर्वरा शक्ति

बलरामपुर : क्षेत्र में धान की कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेष (पराली) को किसान धड़ल्ले से

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 11:10 PM (IST)
..तो खेतों की खत्म हो जाएगी उर्वरा शक्ति

बलरामपुर : क्षेत्र में धान की कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेष (पराली) को किसान धड़ल्ले से जला रहे हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। वही खेतों की नमी खत्म हो रही है। खेतों में पराली जलाने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। बावजूद इसके किसान खेतों में पुआल जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। क्षेत्र के बढ़ईपुरवा, गुरूचिहवा, बेतहनिया, खंजनपुर सहित कई गांवों में धान काटने के बाद खेत में बचे पुआल को जलाया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद ने बताया कि इस तरह से अवशेष को जलाने से जहां मिट्टी की उर्वरा शक्ति घट रही है। वहीं प्रदूषित धुएं से लोगों में सांस, दमा व त्वचा की बीमारियां फैल रही है। बताया कि मिट्टी में मौजूद भूमिगत कीट व सूक्ष्म जीव आग की गर्मी के कारण नष्ट हो जाते हैं। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। जिससे इस जगह बोये गए फसलों को तरह-तरह की बीमारियां लगने लगती है। मानव स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह धुआं हानिकारक है।

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