ब्लड बैंक ऐसा जहां होता है खून के नाम पर 'खेल'
बलरामपुर : संयुक्त जिला चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक में खून के बदले खून देने में भी खेल शुरू हो ग
बलरामपुर : संयुक्त जिला चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक में खून के बदले खून देने में भी खेल शुरू हो गया है। यहां पैसे का लालच देकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का खून निकलवा लिया जाता है। बाद में उन्हें आधी-अधूरी रकम देकर फरार हो जाते हैं। गुरुवार को मामला प्रकाश में आने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने जांच कराने की जहमत नहीं उठाई। पूर्व में भी खून लेनदेन को लेकर विवाद हो चुके हैं।
बहराइच जिले के गुलामअलीपुरवा निवासी दीपक ने बताया कि वह बुधवार की दोपहर में गोंडा स्थित बड़गांव पुल के नीचे सो रहा था। बाइक से दो लोग उसके पास पहुंचे। एक यूनिट खून का दस हजार रुपये देने की बात कही। दीपक को बलरामपुर संयुक्त जिला चिकित्सालय लाया गया। ब्लड बैंक में खून निकलवाने के बाद साथ आए लोगों ने उसे एक हजार रुपये थमा दिए। बाकी पैसा मांगने पर उसके साथ मारपीट की। देर रात उसने अस्पताल परिसर में हो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। जिसके बाद मामला खुलकर सामने आया। कैसे दे दिया समान ग्रुप का खून
-ब्लड बैंक कर्मियों के अनुसार दीपक ने बैंक में 'ओ' पॉजिटिव ग्रुप का खून दिया था। उसके साथ आए दो लोग भी यहां से ओ पॉजिटिव खून ही ले गए। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब उन्हें एक जैसे खून की ही जरूरत थी तो दीपक को गोंडा से बलरामपुर लाने की आवश्यकता क्यों पड़ी। यहां तैनात कर्मियों ने भी इस पहलू पर ध्यान क्यों नहीं दिया। आखिर ऑनलाइन करने में लापरवाही क्यों
-शासन ने करीब आठ महीने पहले ही ब्लड बैंक की सभी सेवाओं को ई-रक्तकोष पोर्टल पर ऑन लाइन किए जाने का निर्देश दिया था। जिससे जरूरत मंदों के साथ अधिकारी भी ब्लड बैंक में उपलब्ध खून की निगरानी कर सकें, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ है। जिम्मेदार इसका कारण नेटवर्क की परेशानी बता रहे हैं। जो गले से नीचे नहीं उतर रहा है।
रक्तदाता लाकर कोई भी ले सकता है ब्लड
सीएमएस डॉ. राजेश मोहन गुप्त का कहना है कि गोंडा के एक निजी अस्पताल से अमरा देवी का पर्चा लेकर कुछ लोग आए थे। उन्होंने दीपक से एक यूनिट खून निकलवाकर 1050 रुपये शुल्क जमा कर बदले में एक यूनिट खून लिया। पैसे के लेनदेन का कोई मामला ब्लड बैंक से संबंधित नहीं है।