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आय के साथ घटा बसों का बेड़ा, दो बसे होंगी फ्लीट से बाहर

लॉकडाउन के दोहरे झटके से लड़खड़ा रहा निगम - रोडवेज की घटी आयनिजी वाहनों में

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 11:37 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 11:37 PM (IST)
आय के साथ घटा बसों का बेड़ा, दो बसे होंगी फ्लीट से बाहर
आय के साथ घटा बसों का बेड़ा, दो बसे होंगी फ्लीट से बाहर

लॉकडाउन के दोहरे झटके से लड़खड़ा रहा निगम

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- रोडवेज की घटी आय,निजी वाहनों में यात्रियों का शोषण

संवादसूत्र, बलरामपुर :

लाकडाउन के दोहरे झटके के बाद परिवहन निगम की नइया अब पुन: हिचकोले खाने लगी है। बसें हैं, लेकिन सवारी नहीं निकल रही है। कभी सवारियां होती हैं तो बसों को रोड पर ले जाने वाले नहीं मिल रहे है। कारण संक्रमण के डर से चालक व परिचालक भी ड्यूटी से किनार कर रहे हैं। आय में लगातार गिरावट के चलते रोडवेज अफसरों की चिता बढ़ गई है। इसे देखते हुए रोडवेज की दो बसों को फ्लीट से बाहर करने का निर्णय लिया गया है। इससे यहां 76 की जगह 74 बसों का ही बेड़ा रह जाएगा। दस लाख किलोमीटर के संचालन की आयु पूरी करने के बाद कंडम हो चुकी इन बसों को कार्यशाला भेज कर नीलाम कराया जाएगा। संवारियां न निकलने से आधे से भी कम हुई आय :

-76 बसों के बेड़े में सामान्य दिनों में 60 बसों का संचालन होता है। इससे प्रतिदिन करीब 10 से 11 लाख रुपये की आमदनी हो जाती थी, लेकिन अब सवारियां न निकलने से केवल 20 ही बसें संचालित हो पा रही हैं। ऐसे में निगम की आय चार लाख तक ही सिमट गई है। खाली बसें दौड़ने को लेकर परिवहन निगम के उच्चाधिकारियों ने सख्ती कर दी है। इसलिए अब जिस स्थान की सवारियां अधिक होती है, वहीं बसें भेजी जाती हैं। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक विश्राम ने बताया कि सवारियां कम निकलने से निगम को आय नहीं हो पा रही है। फिर भी यात्री देवो:भव: के सिद्धांत का पालन करते हुए सवारियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाता है।

मुंहमांगा किराया ले रहे निजी वाहनों के चालक:

लाकडाउन की सख्ती का फायदा निजी वाहनों के चालक उठा रहे हैं। वह अस्पताल समेत अन्य स्थानों से लौट रहे जरूरतमंदों की जेब काटकर कमाई कर रहे हैं। मास्क व शारीरिक दूरी के नियमों की अनदेखी कर वह खचाखच सवारियां भरते हैं। दो से तीन गुना किराया वसूलकर उनका शोषण करते हैं। पुलिस इन चालकों की मनमानी देख चुप्पी साध लेती है।


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