गोआश्रय स्थल बदहाल, जानवर बेहाल
गोआश्रय स्थल बदहाल हैं। विशुनापुर आश्रय स्थल में बीम
त्रिपुरारी शंकर तिवारी, बलरामपुर :
गोआश्रय स्थल बदहाल हैं। विशुनापुर आश्रय स्थल में बीमार जानवरों की देखभाल नहीं की जा रही है। तीन दिन से बीमार गोवंश तड़प रहा है, लेकिन उसे कोई देखने वाला नहीं है। दूसरी तरफ अधिकारी नियमित जांच व उपचार का दावा कर रहे हैं। जिले में 46 में से 34 गोआश्रय स्थल संचालित हैं। इसमें सबसे अधिक गोआश्रय केंद्र सदर ब्लाक में 11 हैं। विभाग ग्रामीण क्षेत्र में 1785 पशुओं के बेसहारा होने की बात कह रहा है। बैजपुर खुटेहना वृहद गोसंरक्षण केंद्र में 110 जानवर हैं। परसपुर करौंदा में 320 पशु हैं। नगर पालिका बलरामपुर, उतरौला व नगर पंचायत तुलसीपुर एवं पचपेड़वा में चार गो संरक्षण केंद्र हैं। चारों केंद्रों को मिलाकर 173 जानवर हैं। केंद्रों पर रहने वाले पशुओं को भूषा, पराली, पशुआहार व हराचारा देने का नियम है, लेकिन यहां भूषा और पराली से ही जानवरों की भूख मिटाई जा रही है। सिघवापुर में बना गोसंरक्षण केंद्र जर्जर हो गया है। तीन दिन से तड़प रहा बछड़ा :
अव्यवस्थाओं के कारण बैजपुर खुटेहना में अक्टूबर से अब तक पांच पशुओं की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी जिम्मेदार सक्रिय नहीं हो रहे हैं। विशुनापुर गोआश्रय स्थल की खाईं में एक बछड़ा तीन दिन से पड़ा तड़प रहा है। उसके गले के पास चोट का निशान है। उसे देखने के लिए शुक्रवार दोपहर तक कोई पशु चिकित्सक नहीं पहुंचा था। व्यवस्था सुधारने का निर्देश :
- खंड विकास अधिकारी सागर सिंह का कहना है कि गोआश्रय स्थलों पर व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया गया है। खाईं में पड़े बछड़े के उपचार के लिए पशु चिकित्सक डा. कटियार को भेजा गया।