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संसाधन न तैयारी, कैसे रोकेंगे महामारी

चिकित्सक व कर्मियों की किल्लत अधर में लटका आक्सीजन प्लांटों का निर्माण

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 10:48 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 10:48 PM (IST)
संसाधन न तैयारी, कैसे रोकेंगे महामारी

बलरामपुर: कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन के लिए हायतौबा थी। एल-टू अस्पताल में कई संक्रमितों ने दम तोड़ दिया था। इसे देखते हुए संयुक्त जिला अस्पताल में तीन आक्सीजन प्लांट लगाने की कवायद तेज हुई थी। बलरामपुर चीनी मिल ने सीएसआर फंड से 20 घन मीटर प्रति घंटा का आक्सीजन प्लांट 40 लाख रुपये से लगाने की घोषणा की थी। चारों विधायकों ने प्लांट के लिए करोड़ रुपये दिए थे। साथ ही एक जून से आक्सीजन जनरेटर की शुरुआत हुई थी।

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पर्यावरण से आक्सीजन तैयार करने वाले इस जनरेटर से आक्सीजन पैदा कर 24 घंटे में डी-टाइप के 7000 लीटर वाले 20 आक्सीजन सिलिडर भरने का दावा किया जा रहा था, लेकिन हकीकत अलग है। तैयारियों के दावों के बीच अस्पताल खुद ही कराह रहे हैं। संयुक्त अस्पताल में चिकित्सक न होने के चलते मरीज तड़प रहे हैं जबकि मेमोरियल अस्पताल स्टाफ नर्स समेत अन्य कर्मियों की कमी के चलते मरीजों का कोई हाल तक नहीं पूछने वाला है। तीसरी लहर से निपटने के लिए बने पीकू व पोस्ट कोविड वार्ड को संसाधनों से लैस करना तो दूर उसकी सुधि लेने की फुरसत भी जिम्मेदारों के पास नहीं है। ऐसे में तीसरी लहर आई तो तबाही तय है। एक की नहीं पड़ी नीव, दूसरे को हरी झंडी का इंतजार:

भले ही विधायकों ने आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए एक करेाड़ तीन माह पहले ही दे दिए हैं, लेकिन अभी तक इसकी नीव तक नहीं खोदी जा सकी है। उधर बलरामपुर चीनी मिल की तरफ से बने आक्सीजन प्लांट को हरी झंडी का इंतजार है।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके सिघल ने सोमवार को प्लांट का निरीक्षण किया। एसीएमओ ने बताया कि विधायकों की धनराशि से आने वाला प्लांट अभी लंबित है जबकि चीनी मिल का प्लांट दो-तीन दिन में शुरू हो जाएगा। इसका शुभारंभ विधायकों की मौजूदगी में होगा। इस प्लांट से 332 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन तैयार होगा।


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