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खुशियों का त्यौहार, चटख है मीठे जहर का कारोबार

खुशियों के पर्व दीपावली में एक दूसरे को बधाई देकर मिठाई खिलाने की परंपरा

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 09:40 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 09:40 PM (IST)
खुशियों का त्यौहार, चटख है मीठे जहर का कारोबार

बलरामपुर :

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खुशियों के पर्व दीपावली में एक दूसरे को बधाई देकर मिठाई खिलाने की परंपरा ने मिलावटखोरों का धंधा चटक कर दिया है। मिलावटी खोवे से बनी मिठाइयां व अधोमानक खाद्य सामग्री बेंचकर तमाम दुकानदार जहर का कारोबार कर रहे हैं, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग के अफसर अभियान के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं। गिने चुने कुछ दुकानों से नमूने लेकर कार्रवाई का दावा करने वाले अफसर जनता की सेहत को लेकर फिक्रमंद नहीं दिख रहे हैं।

ज्यों-ज्यों दीपावली नजदीक आ रही है त्यों-त्यों मिठाइयों का कारोबार तेजी पकड़ रहा है। दीपावली के दिन तो जिले में लाखों रुपये की मिठाइयों का कारोबार होता है। मिठाइयों की मांग बढ़ने पर कारोबारी इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करते हैं। कुछ कारोबारी बाहर से मिठाई व खोवा मंगवाते हैं। शहर के एक प्रमुख मिठाई कारोबारी की मानें तो मिलावटी खोवा से बनी सूखी मिठाई का कारोबार पूरे जिले में फैला हुआ है। पैकेट बंद मिठाई कानपुर से पहुंचती है। जिले में बड़ी संख्या में लोग इस कारोबार से जुड़े हैं, जो छोटे बड़े दुकानदारों से आर्डर लेकर मिलावटी मिठाई की आपूर्ति करते हैं। खासकर त्योहार के मौसम के लिए कारोबारी पहले से पर्याप्त मात्रा में मिलावटी मिठाई का स्टाक रखते हैं। आर्डर मिलते ही इसकी आपूर्ति तत्काल दुकानदारों को कर दी जाती है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी विनोद कुमार पांडेय ने बताया किया नियमित अभियान चलाकर नमूना एकत्र किया जाता है। रोडवेज बस से कानपुर व अन्य स्थानों से आने वाला मिलावटी खोवा भी जब्त किया जाता है। 150 किग्रा खोवा जब्त कर विभिन्न दुकानों से मिठाई का नमूना भी लिया गया है।

सेहत के लिए खतरनाक है मिलावटी मिठाई:

मुख्य चिकित्साधिकारी डा.सुशील कुमार का कहना है कि त्योहार के मौसम में मिलावटी मिठाइयों से बचें और घर पर बनी हुई मिठाइयां खाएं। मिलावटी खाद्य सामग्री का प्रयोग करने से लिवर और किडनी प्रभावित हो सकती है। साथ ही अन्य बीमारी भी पैदा होती है। मिठाई खरीदते समय लोगों को गुणवत्ता का जरूर ख्याल रखना चाहिए।


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