जांच के नाम पर पसीने की कमाई का खून
विशाल भवन आधुनिक मशीनें संसाधनों से लैस ऑपरेशन थिएटर व सर्जन की तैनाती एक अस्पताल के आकर्षण के लिए काफी हैं। इतना सब होने के बाद भी मरीज को खून की जांच के लिए पसीने की कमाई लुटानी पड़े तो इसे विडंबना ही कहा जाएगा। जी हां संयुक्त जिला अस्पताल की कहानी कुछ ऐसी ही है। जहां आधुनिक जांच के लिए लगाई गई लाखों रुपये की सीबीसी मशीन दो साल से निष्प्रयोज्य है। मरीजों को निजी पैथोलॉजी पर 1200 से 1500 रुपये अदा कर जांच करानी पड़ती है। खास बात यह है कि यहां संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य अपर निदेशक व केजीएमयू टीम का दौरा होता रहता है। बावजूद इसके हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
बलरामपुर : विशाल भवन, आधुनिक मशीनें, संसाधनों से लैस ऑपरेशन थिएटर व सर्जन की तैनाती, एक अस्पताल के आकर्षण के लिए काफी हैं। इतना सब होने के बाद भी मरीज को खून की जांच के लिए पसीने की कमाई लुटानी पड़े, तो इसे विडंबना ही कहा जाएगा। जी हां, संयुक्त जिला अस्पताल की कहानी कुछ ऐसी ही है। जहां आधुनिक जांच के लिए लगाई गई लाखों रुपये की सीबीसी मशीन दो साल से निष्प्रयोज्य है। मरीजों को निजी पैथोलॉजी पर 1200 से 1500 रुपये खर्च कर जांच करानी पड़ती है। खास बात यह है कि यहां संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य, अपर निदेशक व केजीएमयू टीम का दौरा होता रहता है। बावजूद इसके हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। दो साल से बंद है सीबीसी जांच :
-संयुक्त जिला अस्पताल में सीबीसी मशीन केमिकल के अभाव में दो साल से बंद थी। काफी जद्दोजहद के बाद अस्पताल प्रशासन ने केमिकल तो मंगवाया, लेकिन इसके तीन माह बाद भी मरीजों को सुविधा मिलनी शुरू नहीं हुई। ऐसे में अस्पताल आने वाले मरीजों की कुछ जांच ही माइक्रोस्कोप व किट के सहारे होती है। सीबीसी मशीन पर होने वाली जांच के लिए निजी केंद्र पर भेज दिया जाता है। मरीजों को प्लेटलेट काउंट संबंधी जांच कराने के लिए पैसा खर्च करना पड़ रहा है।
जांच में लुट रहे मरीज : संयुक्त जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों का समय से न बैठना आम हो गया है। डॉक्टर के मिलने पर जब मरीज को टीएलसी, डीएलसी, प्लेटलेट काउंट, एमसीएच व आरबीसी जांच लिखी जाती है, तो सीबीसी मशीन खराब होने से लैब टेक्नीशियन मरीज को लौटा देता है।
इंजीनियर का इंतजार : प्रशासनिक अधिकारी डॉ. एनके वाजपेयी का कहना है कि तकनीकी खराबी के कारण मशीन सही रिपोर्ट नहीं दे रही है। इसे ठीक कराने के लिए इंजीनियर को बुलाया जा चुका है, लेकिन वह नहीं आए। मरीजों की सुविधा के लिए शीघ्र ही इसे ठीक करा दिया जाएगा।