जलाशयों से छोड़ा पानी, डूब गई पांच हजार बीघे फसल
चित्तौड़गढ़ व मजगवां जलाशय का बढ़ा जलस्तर भांभर नाला के उफान से डूबी किसानों की मेहनत
बलरामपुर: बीते चार दिनों तक हुई बारिश की मार झेल रहे किसानों का दर्द तब और बढ़ गया जब चित्तौड़गढ़ व मजगवां जलाशयों से पानी छोड़ा गया। बांध को बचाने की चाह में छोड़ा गया यह पानी भांभर नाला के उफान की वजह बन गया। नतीजा, क्षेत्र के 15 गांवों में करीब पांच हजार बीघे धान की फसल डूब गई। जो धान कट चुका था, वह पानी में बह गया। अपनी मेहनत व पूंजी डूबने से हताश किसान कुदरत तो कभी सिचाई विभाग के अफसरों को कोस रहे हैं। मुआवजे की आस लगाए किसानों का कोई पुरसाहाल नहीं है।
-बीते दिनों पहाड़ी नालों पर हुई भारी बारिश के कारण दारा नाला का पानी चित्तौड़गढ़ जलाशय में अधिक आ गया। जलस्तर बढ़ने पर बैराज का पानी दो दिन छोड़ा गया। बुधवार को 60 सेंटीमीटर व गुरुवार को एक मीटर पानी छोड़ा गया। इससे मदरहवा, बेनीनगर, बेलहसा, हरनहवा, सुस्ता, कल्लूडीह समेत कई गांवों में पानी घुस गया। खेत जलमग्न हो जाने से किसानों के माथे पर चिता की लकीरें उभर आईं हैं। इसी तरह मजगवां जलाशय में भी अधिक जलस्तर के कारण पानी छोड़े जाने से रमवापुर, लुधौरी व बरगदवा कलां गांवों में लगी धान की फसल जलमग्न हो गई है।
अन्नदाताओं का छलका दर्द:
मदरहवा गांव निवासी रामदुलारे गुप्त, शत्रोहन प्रसाद, चिनके, जमील, नारायन यादव, बलेसर, सुकई, वशिष्ठ प्रसाद, गुलाल बाबू का कहना है कि धान की फसल डूब जाने से मेहनत पर पानी फिर गया है। बारिश व जलाशय का पानी छोड़े जाने से किसानों को गहरा आघात लगा है। लालबाबू, विनोद कुमार, रामधीरज, कैलाश, रामकपिल, प्रवेश कुमार का कहना है कि उच्चाधिकारी को सूचना दी गई है। साथ ही उपजिलाधिकारी तुलसीपुर को जलभराव की स्थिति से अवगत कराते हुए मुआवजे की मांग की गई है।
जलस्तर बढ़ने पर छोड़ा पानी:
चित्तौड़गढ़ बांध निर्माण खंड के अवर अभियंता धर्मेद्र कुमार का कहना है कि जलाशय का जलस्तर बढ़ने से बांध को खतरा उत्पन्न हो गया था। बांध को बचाने के लिए ही पानी छोड़ा गया है।
'राप्ती का बढ़ रहा जलस्तर, अलर्ट मोड पर रहें अफसर'
बलरामपुर: पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। गुरुवार सुबह नदी का जलस्तर 103.920 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी बिदु से 30 सेंटीमीटर ऊपर है। ऐसे में, बाढ़ की संभावना को देखते हुए अपर जिलाधिकारी राम अभिलाष ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं।
एडीएम ने बताया कि जलस्तर बढ़ने की रफ्तार से नदी खतरे के निशान 104.620 मीटर के करीब पहुंच सकती है। ऐसे में, सभी विभागों के अधिकारी बाढ़ में घटने वाली घटनाओं को कम करने के लिए मानव एवं भौतिक संसाधनों के साथ अलर्ट मोड पर रहे। सभी उपजिलाधिकारी व तहसीलदार को संबंधित क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक एवं लेखपाल को कार्यक्षेत्र में सक्रिय करने का निर्देश दिया। कहाकि प्रतिदिन सुबह सात बजे किसी प्रकार की घटना होने पर उसकी सूचना आपदा सूचना वाट्सएप ग्रुप में भेजना सुनिश्चित करें।