जोरों पर अवैध खनन का कारोबार, अफसर लाचार
बलरामपुर : जिले में सफेद रेत का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री योग
बलरामपुर : जिले में सफेद रेत का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फरमान के बाद भी जिम्मेदार अफसर खनन माफिया पर शिकंजा कसने में बेबस नजर आ रहे हैं। जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश की चेतावनी के बाद भी बेखौफ खनन माफिया दिन-रात धरती का सीना छलनी कर रहे हैं। नदी व नालों से खनन किए गए बालू को डंप कर महंगें दामों पर बाजार में बेचा जा रहा है। सब कुछ जानकर भी अफसर कार्रवाई से कन्नी काट रहे हैं।
यहां होता है खनन
-राप्ती नदी, बूढ़ी राप्ती, खैरहनिया, जमथरा, धोबैनिया, गौरिया, हेंगहा, कचनी, खरझार, सिरिया, नकटी, भांभर नालों में रात होते खनन शुरू हो जाता है, जो भोर तक चलता है। इन नालों से निकाले गए बालू 10 से 17 हजार रुपये प्रति ट्राली की दर से बेची जाती है। नालों से खनन कर ट्रैक्टर-ट्राली व डंफर से ठिकाने लगाया जा रहा है। खास बात यह है कि बालू लदे ट्रक व ट्रालियां थानों के सामने से निकलती हैं, लेकिन पुलिस सब कुछ जानकर भी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। बिना लाइसेंस डंप हो रहा बालू :-जिले में बालू डंप करने का लाइसेंस दो लोगों के पास है। जबकि पहाड़ी नालों के आसपास बसे गांवों में खनन माफिया बालू का भंडारण कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं। डं¨पग स्थलों पर प्रशासन छापेमारी नहीं कर रहा है। सूत्रों की मानें तो खनन माफिया से सफेदपोश के तार जुड़े होने से पुलिस व प्रशासनिक अफसर कार्रवाई किए जाने से हाथ पीछे खींच लेते हैं। जिससे खनन माफिया के हौंसले बुलंद हैं। जिम्मेदार के बोल
-अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल का कहना है कि खनन निरीक्षक से रिपोर्ट तलब की गई है। बिना लाइसेंस बालू भंडारण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।