दगा दे रहे एटीएम, ग्राहकों की परेशानी कैसे हो कम
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²श्य एक : सुबह 10.30 बजे। एसबीआइ मुख्य शाखा, पीएनबी मुख्य शाखा, बैंक ऑफ इंडिया, आंबेडकर तिराहे पर लगा इलाहाबाद बैंक, रामलीला मैदान के निकट स्थित केनरा बैंक व विद्युत विभाग के निकट लगे एक्सिस बैंक के एटीएम पर कैश नहीं मिला। खाताधारक निराश होकर लौट गए। बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर किसी भी एटीएम पर सुरक्षा कर्मी भी नहीं दिखे। हालांकि एचडीएफसी मुख्य शाखा के एटीएम पर कैश के लिए कतार लगी रही। ²श्य दो : 11.00 बजे। उतरौला नगर में कोतवाली के सामने लगा एटीएम बंद मिला। श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे पर लगे एचडीएफसी के एटीएम में भी कैश नहीं था। गार्ड ने बताया कि यहां तीन मशीनें हैं, दो गार्ड शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं। यूनियन बैंक का एटीएम बंद दिखा। तहसील गेट पर स्थित बैंक आफ बड़ौदा का पैसा निकालने वाले कतार में लगे थे। यहां सुरक्षाकर्मी न होने से बैंककर्मी ही शटर उठाते हैं। पचपेड़वा तिराहे पर आइसीआइसीआइ एटीएम पर भीड़ दिखी। ²श्य तीन : 12.00 बजे। तुलसीपुर में देवीपाटन व लाल चौराहा पर एसबीआइ, नईबाजार चौक, चुंगीनाका के निकट स्थित आइसीआइसीआइ एवं बाइपास पर लगे एचडीएफसी एटीएम पर कैश नहीं था। चुंगीनाका पर लगे एसबीआइ एटीएम पर लोगों को मांग के अनुरूप पैसा मिल रहा था। कौवापुर बाजार में लगा एसबीआइ का एटीएम छह माह से बंद है। शिव सिंह, अब्दुल्लाह व रामकुमार ने बताया कैश निकालने 23 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। यह तो बानगी हैं। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित 57 में से अधिकांश एटीएम अक्सर कैशलेस ही रहते हैं। जबकि पचपेड़वा, गैंसड़ी, हैरया सतघरवा, गैंड़ासबुजुर्ग व रेहराबाजार में अब तक ऑटोमेटिक ट्रांजेक्शन मशीन नहीं लगी है। नेटवर्क का अभाव, तकनीकी खराबी, कैश की किल्लत व बैंक कर्मियों की लापरवाही से नगर, उतरौला व तुलसीपुर में एटीएम भी बंद रहते हैं। जिससे ग्राहकों को नगदी के लिए लाइन में जूझना पड़ता है। जिम्मेदार के बोल :
- अग्रणी बैंक प्रबंधक एनआर विश्नोई का कहना है कि एटीएम में कैश डालने का कार्य निजी कंपनियां करती हैं। नेटवर्क व तकनीकी सुविधा के अभाव में ग्राणीण क्षेत्र में एटीएम नहीं लग पा रहे हैं। कार्डधारक इन क्षेत्र में संचालित बीसी पर माइक्रो एटीएम से दस हजार व पीओएस मशीन से दो हजार तक का कैश निकाल सकते है।
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