यूरिया डाल करें खेतों की जोताई मिलेगा अधिक मुनाफा
बलरामपुर : खेत की उत्पादकता बढ़ाने के लिए यूरिया खाद खाली खेत में भी प्रभावी असर दिखाती है।
बलरामपुर : खेत की उत्पादकता बढ़ाने के लिए यूरिया खाद खाली खेत में भी प्रभावी असर दिखाती है। किसान खरीफ के सीजन में धान की फसल काटने के बाद प्रति हेक्टेयर 20 किलो उर्वरक डालकर खेतों की जुताई करें। इससे उन्हें दूसरी फसल में पहले की अपेक्षा दोगुनी अधिक पैदावार मिलेगी। जिप्सम का प्रयोग करने से अनाज की गुणवत्ता व खेतों का उपजाऊपन भी बढ़ेगा।खेत का उपजाऊ पन बचाए रखने व इसे बढ़ाने के लिए किसानों को कई तरह की उर्वरक डालने पड़ते हैं, लेकिन उन्हें अपेक्षित पैदावार नहीं मिलती है। कृषि वैज्ञानिक सियाराम बताते हैं कि धान की बोआई के बाद पैदावार में कमी आने के साथ दूसरे फसलों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। खेत में नमी होने के कारण उपजाऊपन नीचे चला जाता है। इससे बचने के लिए किसान धान काटने के बाद प्रति हेक्टर 20 किलोग्राम यूरिया (चार किलो प्रति बीघा) डालकर छोड़ दें। दो दिन बाद रोटावेटर से खेत की जुताई करें। इससे उत्पादकता बढ़ने के साथ खेत में मौजूद फसलों के अवशेष भी मिट्टी में दब जाएंगे। जो खाद बन खेज का उपजाऊपन भी बढ़ाते हैं। दलहनी व गेहूं की फसल बोने पर किसान को अधिक पैदावार मिलेगी। यह एक कारगर नुस्खा है जो किसानों की आमदनी में इजाफा कर सकता है। जिप्सम के प्रयोग से बढ़ेगी गुणवत्ता :
- जिला कृषि अधिकारी मनजीत कुमार बताते हैं कि जिप्सम का प्रयोग खेत में फास्फोरस की कमी को दूर करता है। जिले के सभी बीज गोदामों पर जिप्सम 52 रुपये प्रति बोरी की दर पर उपलब्ध है किसान भाई खेत खाली होने पर प्रति बीघा दो बोरी जिप्सम अवश्य डालें। इससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण दलहन व अधिक उत्पादन मिलेगा।
15 नवंबर तक करें बोआई :
कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि गेहूं की बोआई के लिए एक से 15 नवंबर तक का समय सबसे उपयुक्त होता है। इस अवधि में बीज बोने से फसल अच्छी होती है।