किशोरों को मानसिक तनाव से बचने की दी सलाह
नगर के एमवाई उस्मानी इंटर कॉलेज में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत किशोर स्वास्थ्य मंच कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
बलरामपुर : नगर के एमवाई उस्मानी इंटर कॉलेज में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत किशोर स्वास्थ्य मंच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की आरबीएस टीम ने किशोरों को मानसिक तनाव से बचने की सलाह दी गई।
कार्यक्रम में बच्चों को पौष्टिक आहार, एनीमिया, नशावृत्ति संबंधी सलाह, चोट व हिसा से बचाव और मानसिक स्वास्थ्य की सलाह दी गई। कोविड-19 व टीबी से संबंधित जानकारी देने के साथ सैंपलिंग एवं टीबी की काउंसिलिग की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य अबुल हाशिम खान, डॉ. अताउल्लाह खान ने किया। डॉ. अमरेंद्र, डॉ. नसरुद्दीन, डॉ. शालिनी, ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, शैलेंद्र कुमार राव, श्वेता, रेखा, अनुराधा तिवारी, नीरज यादव, आशीष यादव, हर्षवर्धन, आशीष कुमार सिंह, अमरचंद्र, दिनेश तिवारी मौजूद रहे।
बेहतर शिक्षण से प्रेरक विद्यालय बनाने पर जोर
बलरामपुर : शिक्षा क्षेत्र शिवपुरा के प्राथमिक विद्यालय चौधरीडीह में शिक्षक संकुल की मासिक बैठक हुई। इसमें न्याय पंचायत के समस्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाचार्यो ने बेहतर शिक्षण व मिशन प्रेरणा के अनुपालन पर चर्चा की।
जिला समन्वयक प्रशिक्षण मोहितदेव त्रिपाठी ने मिशन प्रेरणा, रीड एलांग, दीक्षा प्रशिक्षण, ई-पाठशाला, दूरदर्शन माध्यम से शिक्षा, रेडियो, वाट्सएप का संचालन कर प्रेरक विद्यालय बनाने की नसीहत दी। प्रधानाध्यापक तुलाराम गिरि, निर्मल कुमार द्विवेदी, प्रमोद शुक्ल, कुलदीप कुमार, सुरेश पासवान, अवधेश कुमार सरोज मौजूद रहे।
अभियान चलाकर निरक्षरों को बनाया जाएगा साक्षर
बलरामपुर : जिले में 15 वर्ष से अधिक आयु वाले युवक-युवतियों को साक्षर बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। 75 प्रतिशत महिलाओं व 25 फीसद पुरुषों को साक्षर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उप शिक्षा निदेशक डायट प्राचार्य विनय मोहन वन ने अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी डायट प्रवक्ता चंद्रमणि मिश्र को सौंपी है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. रामचंद्र ने बताया कि साक्षरता अभियान के लिए जिला स्तरीय योजना तैयार की जा रही है। सामुदायिक सहभागिता के लिए रणनीति बनाई गई है। जिले के सभी स्कूल, कॉलेज, स्काउट-गाइड, पंचायतों व नगर निकायों की सहभागिता के लिए गतिविधियां कराई जाएंगी। जिला गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के तहत वर्ष में तीन बार विशेषज्ञों की टीम साक्षरता कक्षाओं का निरीक्षण करेगी। शिक्षार्थियों, शिक्षकों, पर्यवेक्षकों, मूल्यांकनकर्ताओं, पंचायतों, वार्डो व कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाली एजेंसियों की भूमिका परिभाषित कर चार्ट तैयार कया जाएगा। जिला स्तर पर साक्षरता मूल्यांकन परीक्षा कराई जाएगी।