ग्राम पंचायतों में 61 लाख का गोलमाल
61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म 61 द्यड्डद्मद्ध श्चड्डह्लष्द्ध2श्रह्मद्म
बलरामपुर :
गांवों के विकास के लिए सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। नाली, खड़ंजा, सीसी व सरकारी भवनों की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन सूरत बदल नहीं रही है। यही नहीं व्यय बजट का लेखा-जोखा भी ग्राम पंचायतों में नहीं रखा जा रहा है। जबकि पंचायत विभाग की वेबसाइड प्रिया साफ्ट पर प्रतिदिन गांव में होने वाले कार्यों का विवरण अपलोड करना अनिवार्य है। प्रिया साफ्ट पर कार्य योजना के साथ व्यय की गई धनराशि भी साक्ष्य के साथ अपलोड करने का प्रावधान है। इन नियमों के बाद भी ग्राम विकास अधिकारी बजट व्यय करने में मनमानी करते हैं। जिसकी बानगी गैंड़ासबुजुर्ग की सात ग्राम पंचायतें हैं। यहां 61 लाख रुपये के गोलमाल का मामला सामने आया है।
लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां एवं पंचायतों की ऑडिट में छितरपारा, गैंड़ासबुजुर्ग, इटई रामपुर, रामपुर ग्रिट, बंजरिया, हासिमपारा व नरायनपुर गांव धनराशि का ब्योरा नहीं मिल पा रहा है। ग्राम पंचायत अधिकारी खर्च धनराशि का अभिलेखीय साक्ष्य नहीं दे पा रहे हैं। अब लेखा परीक्षा अधिकारी ने जिला प्रशासन को रिपोर्ट देकर रिकवरी की संस्तुति की है। रकम की होगी वसूली :
- वित्तीय वर्ष 2017-18 में व्यय धनराशि में छितरपारा में 529925, गैंड़ासबुजुर्ग 1072283, इटई रामपुर 1500220, रामपुर ग्रिट 470000, बंजरिया 1188375, हासिमपारा 235480 व नरायनपुर में 1109254 रुपये के गोलमाल को सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी अतुल निमका ने पकड़ा है। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी ने डीपी सिंह का कहना है कि परीक्षण के बाद वित्तीय अनियमितता सामने आई हैं। जिला प्रशासन को वसूली की संस्तुति के साथ रिपोर्ट सौंप दी है।
ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण के लिए संबधित विभाग को कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। व्यय का साक्ष्य न देने वालों से वसूली की प्रक्रिया की जाएगी। कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी।